रामकथा के पांचवें दिन फुलवारी प्रसंग ने मोहा लोगों का मन ..

संपूर्ण विवाह की प्रस्तुति में पारंपरिक भोजपुरी मांगलिक गीतों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को पंडाल में झूमने नाचने को विवश कर दिया. सीता जी की विदाई के प्रसंग ने श्रोताओं को रोने को विवश कर दिया.






- गंगा किनारे सती घाट पर जगतगुरु रामानुजाचार्य आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज करा रहे हैं रामकथा का रसपान
- दूर-दराज से कथा सुनने के लिए पहुंच रहे हैं लोग, बना भक्तिमय माहौल 
- 5 जनवरी को ही हो जाएगा कथा का विश्राम

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : श्री लाल बाबा सरकार के सानिध्य में आज बक्सर के सती घाट पर जगतगुरु रामानुजाचार्य आचार्य श्री गुप्तेश्वर जी महाराज के श्रीमुख से फुलवारी प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति श्रोताओं को पूरे समय के लिए बांधे रही. भगवान श्री राम जनकपुर पहुंचकर नगर दर्शन के दौरान सारे जनकपुर वासियों को अपने रूप माधुर्य के जादू से मोह कर जब दूसरे दिन जानकी की फुलवारी में गुरु की पूजा के लिए पुष्प लेने जाते हैं तो वहां उनके जनकनंदिनी जानकी जी से भेंट होती है. राम सिया का यह मिलन आदिशक्ति और ब्रह्मा का मिलन है. राम सगुर सरकार सविशेष ब्रह्म है और सीता जी उनके स्वरूप शक्ति यानी योगमाया हैं. राम जी की आह्लादिनी शक्ति हैं जिसका सारभूत तत्व है प्रेम. ईश्वर इसी प्रेम के अधीन रहता है. 


राम सिया का मिलन किसी सामान्य स्त्री पुरुष का मिलान नहीं है बल्कि आदिशक्ति और ब्रह्म का मिलन है. इसी प्रथम दर्शन के बाद दोनों ने एक दूसरे का होने का संकल्प किया. सीता जी ने पार्वती की पूजा की और राम जी ने गुरु का आशीर्वाद लिया फिर दूसरे दिन धनुष यज्ञ में जाकर शिव के अति गुरु और कठोर धनुष को कमलमाल की तरह तोड़कर राजा जनक की प्रतिज्ञा की और जयमाल का कार्यक्रम संपन्न हुआ. 


परशुराम जी के आने से और लक्ष्मण परशुराम के वीर  रस से भरे प्रसंग के वर्णन से श्रोता रोमांचित हो गए. राम जी ने स्थिति को संभाला और परशुराम जी ने उनके असली स्वरूप को पहचान कर उनसे क्षमा मांगी और तपस्या के लिए चले गए.

भोजपुरी मांगलिक गीतों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को झूमने-नाचने पर किया विवश : 

अब विवाह की तैयारी शुरू हुई. बारात आई और विवाह संपन्न हुआ और सीता जी सदा के लिए श्री राम की हो गई. संपूर्ण विवाह की प्रस्तुति में पारंपरिक भोजपुरी मांगलिक गीतों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को पंडाल में झूमने नाचने को विवश कर दिया. सीता जी की विदाई के प्रसंग ने श्रोताओं को रोने को विवश कर दिया.

कल होंगी राम वनवास और वनलीला की करुण कथा : 

लाल बाबा आश्रम के महंत पंडित सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि कल छठे दिन राम के वनवास और वनलीला की करुण कथा होगी. कथा में कड़ी ठंड के बावजूद श्रोताओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. पूरा बक्सर राममय हो चुका है. कथा को विश्राम अब 6 जनवरी की जगह 5 जनवरी को ही भारत प्रसंग तथा राज गद्दी की कथा के साथ हो जाएगा क्योंकि आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज अपनी अगली कथा के लिए 6 जनवरी को महाराष्ट्र के लिए प्रस्थान कर जाएंगे.












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