इस दौरान पशुपालन विभाग के चिकित्सक डॉ मनोज कुमार भारती और डॉक्टर सौरव स्वामी के द्वारा कैदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. इसके पूर्व 60 बंदियों को बांस निर्मित सजावटी सामानों को बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
- 60 कैदी ले रहे हैं दुग्ध उत्पादन और बकरी पालन का प्रशिक्षण
- पूर्व से 60 कर्मियों को दिया जा रहा है बांस निर्मित हस्तकला का प्रशिक्षण
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जेल का नाम सुनते ही लोगों के मन में ऊंची-ऊंची दीवारों के बीच दुनिया से अलग रह रहे लोगों का चेहरा सामने आता है लेकिन अब जेल सुधार गृह की तरह कार्य कर रहा है. जहां बंदी अपनी सजा पूरी करने के साथ-साथ मुख्य धारा में जुड़ने के लिए कई तरह के प्रशिक्षण भी प्राप्त कर रहे हैं. इसी क्रम में बक्सर केंद्रीय कारा में 60 बंदियों को पांच दिवसीय दुग्ध उत्पादन व पशुपालन प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस दौरान पशुपालन विभाग के चिकित्सक डॉ मनोज कुमार भारती और डॉक्टर सौरव स्वामी के द्वारा कैदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. इसके पूर्व 60 बंदियों को बांस निर्मित सजावटी सामानों को बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि बिहार लाइव स्टॉक डेवलपमेंट एजेंसी, पटना के परियोजना निदेशक के सहयोग से सभी सज़ावार बंदियों के लिए डेयरी फार्मिंग और गोट फार्मिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसके तहत दुग्ध उत्पादन एवं बकरी पालन आदि का प्रशिक्षण बंदियों को दिया जा रहा है.
कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद जो बंदी केंद्रीय कारा से अपनी सजा पूरी करने के पश्चात छूटेंगे वह स्वावलंबी बनकर अपने नवजीवन की शुरुआत कर सकेंगे. इतना ही नहीं बक्सर केंद्रीय कारा के बंदियों के द्वारा निर्मित उत्पादों के बिक्री के लिए खोले जा रहे आउटलेट में भी हस्त निर्मित कलाकृतियों व अन्य उत्पादों की बिक्री होगी.
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