धूमधाम से मना भगवान चित्रगुप्त का प्रकोटोत्सव ..

बताया कि  कायस्थ कुल देवता भगवान चित्रगुप्त जी महाराज हैं, जिनकी पूजा साल में दो बार होती है. एक पूजा चैत्र पूर्णिमा को प्रकोटोत्सव के रूप में होती है जिसमें समाज के हर वर्ग के लोग शामिल होते हैं. दूसरी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के यम द्वितिया के दिन कलम-दवात पूजा के रूप में होती है जो प्रत्येक कायस्थ परिवार के घर-घर की जाती है.

 







  • - विधिपूर्वक पूजा-पाठ के पश्चात हुआ प्रसाद वितरण
  • - संध्या काल में प्रसाद का हुआ वितरण

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : चित्रगुप्त परिवार मंच के तत्वावधान में स्थानीय  पुराना सदर अस्पताल रोड स्थित चित्रगुप्त मंदिर में भव्य रूप से चित्रगुप्त प्रकाटोत्सव मनाया गया. पंडित राम प्रकाश ओझा के माध्यम से सुबह में विधि पूर्वक पूजा-पाठ- हवन इत्यादि कर प्रसाद वितरण किया गया. साथ ही संध्या 7 बजे महाआरती का आयोजन हुआ.

कार्यक्रम में मुख्य रूप में मंच के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद वर्मा,  कार्यकारीअध्यक्ष शशिभूषण वर्मा, उपाध्यक्ष मनोज कुमार श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष मनीष कुमार सिन्हा, शिव पूजन लाल, आदित्य कुमार वर्मा, महासचिव मनन श्रीवास्तव, सचिव जीतेन्द्र कुमार सिन्हा, सह कोषाध्यक्ष शिव कृपाल दास एवं दीपू लाल, प्रो0 डाॅ सचितानन्द सिन्हा, हरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव उर्फ मोहन जी, मिडिया प्रभारी साकेत कुमार श्रीवास्तव उर्फ चंदन, परन्तु पाठक, रवि श्रीवास्तव, अरविंद श्रीवास्तव, प्रकाश श्रीवास्तव, गुरू लाल, कुन्नू श्रीवास्तव, आलोक कुमार श्रीवास्तव, रमन सिन्हा, उपेंद्र श्रीवास्तव, लोटा पाण्डेय, प्रो मोहन जी आदि कायस्थ समाज के लोग उपस्थित थे.


कायस्थ परिवार बक्सर के संयोजक अधिवक्ता सुमन कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी भगवान चित्रगुप्त का प्रकोष्टोत्सव भगवान चित्रगुप्त मंदिर के साथ ही कायस्थ परिवार के जिला कार्यालय में धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम में सबसे पहले भगवान चित्रगुप्त जी की विधिवत सामूहिक पूजा व हवन किया गया उसके पश्चात् प्रसाद वितरण किया गया.

कायस्थ परिवार के संयोजक सुमन श्रीवास्तव ने बताया कि  कायस्थ कुल देवता भगवान चित्रगुप्त जी महाराज हैं, जिनकी पूजा साल में दो बार होती है. एक पूजा चैत्र पूर्णिमा को प्रकोटोत्सव के रूप में होती है जिसमें समाज के हर वर्ग के लोग शामिल होते हैं. दूसरी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के यम द्वितिया के दिन कलम-दवात पूजा के रूप में होती है जो प्रत्येक कायस्थ परिवार के घर-घर की जाती है. इसके साथ ही साथ सार्वजनिक रूप से  प्रत्येक चित्रगुप्त मंदिर में पूजा भी की जाती है.

शास्त्र के अनुसार संसार का लेखा-जोखा रखने की जरूरत पड़ी तो ब्रह्मा जी ने अपनी तपस्या से चित्रगुप्त महाराज को प्रकट किया और उनसे कायस्थ वंश की संरचना हुई. उसी समय से कायस्थ वंश उनको अपनी कुल देवता के रूप में पूजा करता है. आज भी उनकी पूजा कायस्थ वंश के द्वारा धूमधाम से की जाती है. 

कार्यक्रम में मुख्य रूप से कायस्थ परिवार के संरक्षण सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक कवि धन्नू लाल प्रेमातुर, वरिष्ठ अधिवक्ता शिवपूजन लाल, अधिवक्ता राजेश सहाय, राजेश सिन्हा, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, प्रकाश सिन्हा, सत्यम श्रीवास्तव, सौरभ सिन्हा, जयप्रकाश सिन्हा, राहुल सिन्हा, वैदेही श्रीवास्तव, सतीश श्रीवास्तव, दिलीप लाल, शशि लाल, विजय लाल, आकाश श्रीवास्तव, विकास श्रीवास्तव, आलोक वर्मा, विजयानन्द वर्मा आदि उपस्थित रहे.












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