दुनिया में अकेली एक मां ही है जो अपने बच्चो को सच्ची दुआएं देती है पर आज के बच्चे मां को सम्मान नहीं देते हैं. इसे खत्म करना होगा. उन्होंने नौजवानों से अपील करते हुए कहा कि वह इसे खत्म करने के लिए आगे आए. मौके पर सभी को राहत सामग्री दी गई.
-साबित खिदमत फाउंडेशन व सामाजिक न्याय संस्था ने किया आयोजन
-नौजवानों से की अपील - माता का सदैव करें सम्मान
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : मां के योगदान और समर्पण के लिए मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संस्था के बैनर तले साबित खिदमत फाउंडेशन परिसर में 20 मांओं को अंगवस्त्र देकर किया स्वागत. मौका था मातृ दिवस का.
मौके पर प्रसिद्ध चिकित्सक एवं प्रखर वक्ता डॉ दिलशाद ने कहा कि मां का प्रेम निःस्वार्थ होता है. दुनिया में अकेली एक मां ही है जो अपने बच्चो को सच्ची दुआएं देती है पर आज के बच्चे मां को सम्मान नहीं देते हैं. इसे खत्म करना होगा. उन्होंने नौजवानों से अपील करते हुए कहा कि वह इसे खत्म करने के लिए आगे आए. मौके पर सभी को राहत सामग्री दी गई.
ज्ञात हो कि हर साल यह पर्व की तरह मनाया जाने वाला दिन है. उन्होंने मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संस्था की टीम को धन्यवाद दिया. कार्यक्रम में साबित खिदमत फाउंडेशन के सभी सदस्यों सहित साबरा, वसीहन, अख्तरी, नजमा, शहनाज, नूरी, नम्रता, रामकली, सरस्वती, शाहीदन, आशा, जोहरा, नसरा, जूही, मनोज, केके पांडेय, नसीर, हरेंद्र, मनीष, मनोज सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे.
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