बलिदान दिवस पर याद किये गए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ..

पंडित नेहरू की पहली कैबिनेट में मुखर्जी उद्योग मंत्री बने. उन्होंने जवाहर लाल नेहरू के सामने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था और कहा कि कोई कारण नहीं है कि आप अनुच्छेद 370 को लागू करें. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और नारा दिया कि एक देश, दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे. उन्होंने इस नारे के साथ सत्याग्रह किया. 




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- जनसंघ के संस्थापक को भाजपा कार्यकर्ताओं ने चढ़ाएं श्रद्धा के फूल
- सरकार के लोकहितकारी फैसलों पर भी की गई चर्चा

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : भाजपा के नगर उपाध्यक्ष गणेश कुमार शर्मा एवं महामंत्री बसंत कुमार के संयुक्त नेतृत्व में नगर टीम के सभी पदाधिकारी की उपस्थिति में जनसंघ के संस्थापक और पहले अध्यक्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाया गया. 

इस दौरान नगर टीम के उपाध्यक्ष रामनारायण गोंड़, अंजू रावत, नगर मंत्री राम जी साह, प्रकाश पांडेय, सुरेश वर्मा टुनटुन वर्मा प्रवक्ता दीपक केसरी, आयुष वर्मा विद्यासागर, संतोष कुमार, सतीश उपाध्याय, अमृता देवी आदि ने भी पंडित मुखर्जी के तैल्य चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये. 

मौके पर सभी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद करते हुए एक देश एक संविधान, अखंड भारत जैसी राष्ट्रीय हित की बातों पर चर्चा की गई. साथ ही साथ कश्मीर से धारा-370 हटाने जैसे फैसलों की भी व्याख्या की गई.


मौके पर वक्ताओं ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक विचारधारा के लिए अपना पूरा जीवन लगाया. वो कभी सत्ता पर बैठने के लिए नहीं आए थे. वह अनेक बार सत्ता में आए और हमेशा विचारधारा के लिए सत्ता को त्यागा. बंगाल में मंत्री पद विचारधारा के लिए त्याग दिया था. पंडित नेहरू की पहली कैबिनेट में मुखर्जी उद्योग मंत्री बने. उन्होंने जवाहर लाल नेहरू के सामने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था और कहा कि कोई कारण नहीं है कि आप अनुच्छेद 370 को लागू करें. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और नारा दिया कि एक देश, दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे. उन्होंने इस नारे के साथ सत्याग्रह किया. 

उस समय जम्मू-कश्मीर जाने के लिए अनुच्छेद 370 के तहत पासपोर्ट की व्यवस्था थी. पास बनते थे. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पास नहीं लिया था. उन्हें जम्मू-कश्मीर की सीमा पर गिरफ्तार कर लिया गया. लगभग एक महीने बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में अंतिम सांस ली.






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