बजट 2024 पर लोगों की अलग-अलग राय : किसी ने किया स्वागत तो किसी ने बताया निराशाजनक ..

बजट मध्यम वर्ग, सामान्य व्यापारियों तथा आम नौकरी पेशा लोगों के लिए भोजपुरी लोकगीत "हथिया-हथिया शोर कइले" की तरह निराश करने वाला है जिससे आयकर दाताओं को ना ही राहत दी गई है और ना ही इससे गरीबी दूर करने का कोई प्रयास किया गया है. बेलगाम बेरोजगारी पर लगाम लगाने के लिए भी इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. 


 



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- नेता व्यवसायी, तथा आम लोगों ने भी रखी अपनी बात
- एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट हुआ है पेश

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : केंद्रीय बजट को लेकर बक्सर तमाम बुद्धिजीवी व्यवसायी तथा नेताओं ने अपनी राय दी है. किसी ने बजट को लाभकारी तो किसी ने केवल केवल झूठे वादों वाला और निराशाजनक बजट बताया. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट था, जिसको वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को पेश किया. अब इस बजट को लेकर लोगों ने खुलकर अपने विचार रखे हैं.

भाजपा नेता प्रदीप राय ने कहा है कि बजट सकारात्मक एवं स्वागत योग्य है. इस बजट में बिहार की जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है. इसके तहत बिहार के मानव संसाधन विकास एवं बुनियादी विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. इस बजट में बिहार की सड़क सम्पर्क परियोजनाओं, विद्युत परियोजनाओं, एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की संरचनाओं के लिये विशेष राशि का प्रावधान किया गया है. साथ ही बजट में बिहार के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिये विशेष सहायता की घोषणा की गयी है. बिहार को बाढ़ से बचाव के लिये भी बजट में बड़ा ऐलान किया गया है. कोशी-मेची नदी जोड़ परियोजना, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं के लिये विशेष आर्थिक मदद देने की घोषणा की गयी है, जो स्वागत योग्य है. बिहार के लिये बजट में विशेष प्रावधान के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  को विशेष धन्यवाद है.

कांग्रेस के कद्दावर नेता तथा भोजपुरी साहित्य मंडल के अध्यक्ष अनिल कुमार त्रिवेदी और महासचिव अरुण मोहन भारवि ने संयुक्त रूप से प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के प्रथम केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय बजट मध्यम वर्ग, सामान्य व्यापारियों तथा आम नौकरी पेशा लोगों के लिए भोजपुरी लोकगीत "हथिया-हथिया शोर कइले" की तरह निराश करने वाला है जिससे आयकर दाताओं को ना ही राहत दी गई है और ना ही इससे गरीबी दूर करने का कोई प्रयास किया गया है. बेलगाम बेरोजगारी पर लगाम लगाने के लिए भी इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. यह बजट सामान्य और भोली-बड़ी जनता को झुनझुना थमाने जैसा है.

भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य डॉ राजेश सिन्हा ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा पेश किया गया. आम बजट 2024-25 विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज है. यह बजट भारत की 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का जो आम बजट प्रस्तुत किया है वह बजट सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, विकासोन्मुखी तथा 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और अमृतकाल के सभी संकल्पों को पूर्ण करने वाला है. इस बजट में शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ बक्सर से भागलपुर एक्सप्रेसवे तथा गंगा नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति के बाद प्रधानमंत्री का आभार जताया है.

भाजपा विधि-प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सुमन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह बजट सर्वस्पर्शी सर्व समावेशी, विकासोन्मुख तथा 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं और अमृत काल की सभी संकल्पनाओं को पूर्ण करने वाला है. यह शिक्षा रोजगार और कौशल विकास के लिए रामबाण साबित होगा.

जिले के प्रतिष्ठित व्यवसायी दौलत चंद गुप्ता ने कहा है कि बजट में गरीब और मध्यम वर्ग के लिए कोई राहत नहीं दी गई है. केवल कर्ज देकर उन्हें कर्ज तले दबाए रहने की कोशिश की गई है. कोविड में जो कर्ज दिया गया उसे माफ कर उदारता दिखाने की आवश्यकता थी. दूसरी तरफ बजट में कोई ऐसी योजना नहीं बनी जिससे कि बाढ़ और सुखाड़ का सामना करने वाले किसानों को राहत मिल सके.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के विनोधर ओझा ने कहा है कि वर्तमान बजट कुर्सी बचाने वाला बजट है, लेकिन इसमें विशेष पैकेज की कितनी धनराशि है यह बताया नहीं गया है किसानों, छात्रों नौकरी पेशा तथा महिलाओं और गृहणियों के लिए किसी सुविधा का उल्लेख नहीं है. पेट्रोल डीजल और घरेलू गैस कीमत कम करने का उल्लेख नहीं है. परीक्षाओं का पेपर लीक नहीं होगा और यूपीएससी की परीक्षा में बिना परीक्षा दिए आइएएस बनने से रोकने की योजना का भी कोई उल्लेख नहीं है. वृद्ध लोगों के लिए भी कुछ नहीं है. ऐसे में यह बजट केवल झुनझुना है.


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