जिले में बढ़ी लो-वोल्टेज और पावर कट की समस्या, उपकरण हो रहे खराब, बिल भी बढ़ा ..

बताते हैं कि नए विद्युत अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं को 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत वितरण का नियम है. ऐसा नहीं हुआ तो उपभोक्ता लिखित आवेदन देकर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं. 


 



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- ग्रिड से कम बिजली आपूर्ति, पावर सब स्टेशन से भी सप्लाई कम
- लोड की वजह से खराब हो जा रहे हैं बिजली से चलने वाले उपकरण
 
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले में विद्युत उपभोक्ताओं को लो-वोल्टेज और पावर कट की समस्या झेलनी पड़ रही है, जिसकी वजह से लोग साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अन्य राज्यों की तुलना में अधिक बिजली बिल भुगतान करने के बावजूद ना तो निर्बाध और ना ही सही गुणवत्ता की बिजली प्राप्त हो रही है, जिसके कारण घरेलू उपकरण खराब हो जा रहे हैं. साथ ही ,उमस भरे माहौल में जीवन-यापन कठिन हो जा रहा है.

विभागीय सूत्र बताते हैं कि कम वोल्टेज पर बिजली का मीटर तेज चलने लगता है. जिससे बिजली बिल अधिक आता है. पंखा, एसी, सबमर्सिबल, फ्रिज, वोल्टेज स्टेबलाइजर आदि के जलने की संभावना अधिक रहती है. पिछले कुछ दिनों से उपकरणों के मरम्मत दुकान पर बढ़ी भीड़ इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है.

सामाजिक मंच के संयोजक, सेवानिवृत्ति विद्युत कर्मी सह बिहार स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन के प्रमंडलीय सचिव प्रदीप शरण बताते हैं कि पूरे जिले में वोल्टेज की समस्या बढ़ गई है. डुमरांव ग्रिड से डुमरांव पावर सब स्टेशन एवं हरियाणा फॉर्म पावर सब स्टेशन को 33 हज़ार वोल्ट की जगह 28 हज़ार वोल्ट की सप्लाई जबकि इटाढ़ी पावर ग्रिड से पांडेय पट्टी पावर पावर सब स्टेशन और चौसा पावर सब स्टेशन को क्रमशः 28-28 हज़ार वोल्ट पावर सप्लाई की जा रही है. कभी-कभी वोल्टेज कम होने पर बिजली सप्लाई बंद करनी पड़ रही है.

ग्रिड से कम तो उभोक्ताओं को भी कम आपूर्ति : 

उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों से अधिक समय से ग्रिड ओवरलोड में चल रहा है, जिसके कारण वहीं से 27 से 28 हज़ार वोल्ट पावर सब स्टेशन को और पावर सब स्टेशन से 11 हज़ार वोल्ट की जगह 8 से 9 हज़ार वोल्ट उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है जिसके कारण उपभोक्ताओं को 220 वोल्ट की जगह 150 से 190 वोल्ट तक ही प्राप्त हो पा रहा है. कम पावर सप्लाई मिलने से ट्रांसफार्मर भी ओवरलोड हो जा रहा है और वह कभी भी जल सकता है, जिससे कि इस उमस भरी गर्मी में हजारों लोगों का जीवन कष्टमय हो जाएगा.

एक दिन में 50 बार पावर कट : 

पावर कट की समस्या इतनी है कि दिन में लगभग 25 से 30 बार बिजली बंद हो रही है. उन्होंने बताया कि 30 जुलाई को डुमरांव में लगभग 50 बार बिजली बंद हुई. यह तकनीकी रूप से सही नहीं है. लेकिन हालत यह हैं कि इस समस्या पर ना तो कोई अधिकारी और ना ही कोई जनप्रतिनिधि पहल कर पा रहा है.

मुआवजा देने का प्रावधान : 

सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कुमार शरण बताते हैं कि नए विद्युत अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं को 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत वितरण का नियम है. ऐसा नहीं हुआ तो उपभोक्ता लिखित आवेदन देकर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं. 

शिवपुरी इलाके में दिन से ज्यादा रात में पावर कट की समस्या :

शिवपुरी निवासी उपभोक्ता कौशलेंद्र कुमार ओझा बताते हैं 4 वर्ग किलोमीटर तक का गोलंबर फीडर का इलाका है, बक्सर इंडस्ट्रियल थाना से लेकर जासो, बाबा नगर, सिंडिकेट, बायपास रोड, महावीर स्थान, होटल वैष्णवी के आगे काली मंदिर तक , फिर बुधनपुरवा सिविल लाइंस, छोटकी सारिमपुर तक करीब 14 किलोमीटर विद्युत तारों का इलाका है. इस इलाके में हर दिन पावर कट से लोग काफी परेशान रहते हैं खास बात यह है की रात्रि के समय में पावर कट और भी ज्यादा हो जाता है लेकिन आश्चर्यजनक रूप से सामने दिखाई देने वाले एसपी आवास इलाके में कभी भी पावर कट नहीं होता. 

उपभोक्ताओं ने पूछा - कहीं इनवर्टर-बैट्री दुकानदारों से सेटिंग तो नहीं :

पांडेय पट्टी निवासी विद्युत उपभोक्ता संतोष ओझा बताते हैं कि पावर कट की समस्या इतनी बढ़ गई है जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सुबह स्नान करने जाने से लेकर रात्रि सोने जाने तक में इतनी बार पावर कट हो रहा है, जिससे कि जीना मुहाल हो गया है. कभी-कभी तो यह लगता है कि बिजली कंपनी वालों की इनवर्टर-बैटरी और वोल्टेज स्टेबलाइजर वालों से कोई सेटिंग है.

सवालों से बच रहे अधिकारी :

इस मामले में बिजली कंपनी के कनीय अधिकारियों से बात करने पर वह कोई भी जवाब देने से बच रहे हैं, जबकि विद्युत कार्यपालक अभियंता के सरकारी नंबर 7763814281 पर कई बार फोन करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया. ऐसे में बिजली कंपनी उपभोक्ताओं की परेशानी पर अपना क्या पक्ष रखती है यह ज्ञात नहीं हो सका. बहरहाल अब यह देखने वाली बात होगी कि समस्या का हल कब तक निकल पाता है?



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