उत्पाद अधीक्षक की तरफ से विभागीय अधिवक्ता ने उनका पक्ष रखते हुए मामले में उनकी संलिप्तता से इनकार किया और कहा कि इस मामले में उन्हें फंसाए जाने की कोशिश हो रही है. जबकि उत्पाद अधीक्षक ने लगातार शराब तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई की है.
- उत्पाद अधीक्षक के अधिवक्ता ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
- विशेष न्यायाधीश ने किया अग्रिम जमानत याचिका को खारिज
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के उत्पाद अधीक्षक की जमानत याचिका को विशेष न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है. पिछले दिनों शराब तस्करी के मामले में उनका नाम सामने आने के बाद उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसकी सुनवाई के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा था. मंगलवार को फैसला सुनाया गया. इसके बाद अब उत्पाद अधीक्षक पटना उच्च न्यायालय का रुख करेंगे, जहां से उन्हें जमानत मिल सकती है. उधर, उत्पाद अधीक्षक की तरफ से विभागीय अधिवक्ता ने उनका पक्ष रखते हुए मामले में उनकी संलिप्तता से इनकार किया और कहा कि इस मामले में उन्हें फंसाए जाने की कोशिश हो रही है. जबकि उत्पाद अधीक्षक ने लगातार शराब तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई की है.
दरअसल, उत्पाद विभाग के वीर कुंवर सिंह गंगा चेक पोस्ट से निकलने के बाद शराब से भरी वाहनों को औद्योगिक थाने की पुलिस ने जब्त किया था. बाद में इस मामले में उत्पाद विभाग के पोस्ट पर कार्यरत होमगार्ड के दो सिपाहियों के संलिप्तता की बात सामने आई और फिर उनके निशानदेही पर जो तस्कर पकड़े गए उनसे पूछताछ तथा अन्य साक्ष्यों के आधार पर उत्पाद अधीक्षक दिलीप कुमार पाठक का नाम भी प्राथमिकी में दर्ज किया गया. इसी आधार पर पुलिस उत्पाद अधीक्षक को गिरफ्तार किए जाने की बात कह रही है.
उधर, उत्पाद अधीक्षक की तरफ से उनका पक्ष रखते हुए विभागीय अधिवक्ता उमेश कुमार ने बताया कि मामले में अभी तक न्यायालय से कोई वारंट पुलिस को नहीं मिला है. हालांकि प्राथमिकी में नाम होने के कारण उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया था लेकिन यहां से जमानत याचिका अस्वीकृत हो गई. ऐसे में वह पटना उच्च न्यायालय का रुख करेंगे.
अधिवक्ता उमेश कुमार ने बताया कि उत्पाद अधीक्षक के द्वारा किसी शराब तस्कर से ना तो कभी संपर्क रखा गया है और ना ही कोई बातचीत की गई है. हालांकि, उन्होंने अमसारी निवासी मुन्ना सिंह से बातचीत की थी लेकिन यह बात केवल इसलिए की गई थी क्योंकि मुन्ना सिंह के एक भाई की मृत्यु जहरीली शराब पीने से हो गई थी. ऐसे में मुन्ना सिंह यह जानना चाह रहे थे कि मुआवजा आदि मिलने का क्या प्रावधान है? ऐसे में उत्पाद अधीक्षक पर तस्करों से मिलीभगत के आरोप बेबुनियाद हैं.
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