इस प्रकार के निर्माण से किसी सूरत में लोगों के घरों से गंदा पानी बाहर निकालने के आसार नहीं हैं. उल्टे नाली का पानी घर में जरूर प्रवेश कर जाएगा. लोग नगर परिषद के इंजीनियर की इस कारस्तानी को और जिम्मेदार लोगों की मौन साधना पर दंग हैं.
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- पार्षद ने कहा - किसी की नहीं सुनते हैं इंजीनियर, नहीं करते स्थल निरीक्षण
- अधिवक्ता ने कहा - नगर परिषद को देना होगा मुआवजा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : इंजीनियरिंग के कई शानदार नमूने हमें देश-विदेश में अक्सर देखने को मिल जाते हैं, जिसमें अपनी प्रतिभा से इंजीनियर लोगों का जीवन बेहतर और आसान बना देते हैं. लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है जब इंजीनियरों की कारस्तानी लोगों को संकट में डाल देती है. ऐसा ही हुआ है बक्सर नगर के वार्ड संख्या 24 में कोइरपुरवा-खलासी मोहल्ला मार्ग पर, जहां घर का गंदा पानी निकालने के लिए बनाई गई नालियां घरों से दो से ढाई फीट ऊंची बना दी गई हैं. इस प्रकार के निर्माण से किसी सूरत में लोगों के घरों से गंदा पानी बाहर निकालने के आसार नहीं हैं. उल्टे नाली का पानी घर में जरूर प्रवेश कर जाएगा. लोग नगर परिषद के इंजीनियर की इस कारस्तानी को और जिम्मेदार लोगों की मौन साधना पर दंग हैं.
स्थानीय वार्ड पार्षद मोहम्मद सरफराज बताते हैं कि नगर परिषद के कनीय अभियंता अंजनी कुमार का रवैया हमेशा मनमानी भरा होता है. किसी भी निर्माण कार्य के दौरान कभी भी स्थल निरीक्षण करने नहीं आते ऐसा लगता ही नहीं कि वह इंजीनियर हैं. नाली निर्माण में गड़बड़ी का यह कोई पहला मामला नहीं है. हर निर्माण में गड़बड़ी होती है.
नगर परिषद को देना होगा मुआवजा :
कांग्रेस नेता व अधिवक्ता रामनारायण बताते हैं कि नाली निर्माण के दौरान नाली की गहराई मापनी होती है जिसके लिए इंजीनियर के द्वारा नाली की दीवारों को मापा जाता है लेकिन यहां नाली की गहराई ना बढ़कर उसकी ऊंचाई बढ़ा दी गई है जो कहीं से भी उचित नहीं है ऐसा करने पर स्थानीय नागरिक क्षतिपूर्ति के हकदार हो जाएंगे. वह न्यायालय में क्षतिपूर्ति ब
वाद दायर कर सकते हैं. निश्चय ही इस पर संबंधित पदाधिकारी को संज्ञान लेना चाहिए.
प्राक्कलन का बोर्ड नहीं लगाना दे रहा भ्रष्टाचार का प्रमाण :
बहुजन समाज पार्टी के नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता मतिउर्रहमान बताते हैं कि नगर परिषद में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है. सभी मनमानी भरा रवैया अपना रहे हैं. जब कोई भी निर्माण होता है तो वहां संवेदक के द्वारा प्राक्कलन राशि का बोर्ड लगाना अनिवार्य होता है लेकिन नाला निर्माण के दौरान प्राक्कलन राशि का बोर्ड नहीं लगाया गया इससे साफ जाहिर होता है कि मामला भ्रष्टाचार का है. दूसरी तरफ नाली का निर्माण यदि घरों से ऊपर होगा तो यह लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन जाएगी.
निरीक्षण कर दूर की जाएगी समस्या :
स्थायी सशक्त समिति के सदस्य तथा पूर्व उप मुख्य पार्षद इंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि उन्हें भी स्थानीय लोगों के द्वारा इसकी शिकायत मिली है. जिस इंजीनियर के बारे में शिकायत की जा रही है पहले भी उनकी कोई शिकायतें प्राप्त हुई है. कार्यपालक पदाधिकारी के साथ स्थल का निरीक्षण किया जाएगा इसके बाद समस्या को दूर किया जाएगा.
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