किसानों को उकसाने वाले दो नेताओं की संपत्ति की हुई कुर्क ..

वारंट होने के बावजूद ये दोनों किसान नेता न्यायालय में हाजिर नहीं हुए थे. इसके बाद न्यायालय के आदेश पर कुर्की की कार्रवाई की. पुलिस ने किसानाें के घराें के दरवाजाें काे ताेड़ कर उसमें रखे सामानाें काे बाहर निकाला. इसके बाद समानाें की जब्ती सूची तैयार कर विधिवत कब्जे में लिया गया.










- किसानों के नेता बनकर खूब मचाया था उत्पात
- न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं किया था आत्मसमर्पण

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव में किसान आंदोलन के दाैरान पुलिस और किसान के बीच हुई झड़प मामले में फरार चल रहे दाे किसान नेताओं के घरों की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की गई. बुधवार को मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल बनारपुर गांव में पहुंचा हुआ था. हालांकि कुर्की की कार्रवाई के दाैरान ही फरार किसान मुन्ना तिवारी ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. 

न्यायालय के आदेशानुसार बुधवार काे सदर अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्र और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धीरज कुमार के नेतृत्व में मुफस्सिल थाने की पुलिस बनारपुर गांव के मुन्ना तिवारी और अंशु चाैबे के घर कुर्की की कार्रवाई करने पहुंची. वारंट होने के बावजूद ये दोनों किसान नेता न्यायालय में हाजिर नहीं हुए थे. इसके बाद न्यायालय के आदेश पर कुर्की की कार्रवाई की. पुलिस ने किसानाें के घराें के दरवाजाें काे ताेड़ कर उसमें रखे सामानाें काे बाहर निकाला. इसके बाद समानाें की जब्ती सूची तैयार कर विधिवत कब्जे में लिया गया. तकरीबन तीन घंटे तक पुलिस की कार्रवाई चलती रही. इसी बीच कुर्की-जब्ती की भनक पाकर आराेपित किसान मुन्ना तिवारी ने काेर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया.

ज्ञात हो कि 17 अक्टुबर 2022 से चौसा में 1320 मेगावॉट थर्मल पॉवर के निर्माण में किसानों को गई जमीन का मिल रहे मुआवजा और कम्पनी के पॉलिसी के अनुसार प्रभावित क्षेत्र में विकास कार्य, स्थानीय युवाओं को रोजगार आदि मांगो को लेकर आंदोलन कर रहे थे. 20 मार्च को जिला प्रशासन द्वारा किसानों को बल पूर्वक थर्मल पॉवर के मुख्य गेट से हटाने के दाैरान पुलिस के साथ झड़प हाे गई थी, जिसमें सदर एसडीपीओ के साथ तत्कालीन मुफस्सिल थानाध्यक्ष और अन्य पुलिस के जवान जख्मी हाे गए थे. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 35 से ज्यादा किसानों पर नामजद और 300 अज्ञात किसानों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने छापेमारी कर अधिकतर नामजद किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जबकि अंशु चौबे और मुन्ना तिवारी फरार थे. यहां यह भी बता दे कि इसके पूर्व भी निर्माणाधीन चौसा थर्मल पावर प्लांट में आगजनी कर का तकरीबन 25 करोड रुपयों का नुकसान किया गया था.










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