सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कुशवाहा समाज सभी वर्गों के शोषित और वंचित लोगों को साथ लेकर चलता है, इसका कभी भी किसी जाति वर्ग के व्यक्ति से कोई दुराव नहीं होता. इस परंपरा को आगे भी कायम रखना है.
- सत्ता में प्रभावित लोगों की भागीदारी जरूरी
- केंद्रीय मंत्री ने कहा-आधी आबादी को भी देना होगा उचित सम्मान
- कुशवाहा महासंघ के द्वारा कराया जा रहा निर्माण
- 25 मेधावी विद्यार्थियों का खर्च उठाएगा महासंघ
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : "कुशवाहा समाज को अपने पुराने फार्मूले को बदलना होगा और किसी भी चुनाव के वक्त ऐसे व्यक्ति को चुनना होगा जिसकी भागीदारी सत्ता में प्रभावी रूप से हो तभी कुशवाहा समाज का कल्याण होगा." यह कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा का. वह बक्सर में कुशवाहा भवन का शिलान्यास करने के लिए पहुंचे थे. दशकों पूर्व बनाए गए इस भवन के जर्जर हालत में होने के बाद इसका पुनर्निर्माण कराया जा रहा है. शिलान्यास के बाद किला मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त हम अपने समाज के व्यक्ति को किसी भी दल अथवा निर्दलीय भी आने पर चुनते हैं लेकिन उस वक्त यह देखना जरूरी होता है की सत्ता में उनकी कितनी भागीदारी और प्रभाव है. आज यह गर्व की बात है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के साथ-साथ बिहार में भी उपमुख्यमंत्री हमारे ही समाज से ही हैं. कुशवाहा समाज सभी वर्गों के शोषित और वंचित लोगों को साथ लेकर चलता है, इसका कभी भी किसी जाति वर्ग के व्यक्ति से कोई दुराव नहीं होता. इस परंपरा को आगे भी कायम रखना है.
सभा के दौरान उन्होंने महिलाओं की संख्या नगण्य होने पर चुटकी लेते हुए कहा कि आमतौर पर सभाओं में कहा जाता है, "भाइयों और बहनों" लेकिन यहां ऐसी स्थिति नहीं है. ऐसे में इस पर विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि हम आधी आबादी को छोड़कर नहीं चल सकते. उन्होंने कुशवाहा महासंघ के लोगों को कुशवाहा भवन के पुनर्निर्माण की शुरुआत करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि जिस तरह से आज कुशवाहा भवन का शिलान्यास करने के लिए उन्हें बुलाया गया है उम्मीद है कि जल्द ही भवन के उद्घाटन के लिए भी बुलाया जाएगा.
इसके पूर्व जिला मुख्यालय के चरित्रवन के नौलखा मंदिर के समीप नए कुशवाहा भवन के निर्माण का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री रहे उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा किया गया. कुशवाहा महासंघ के जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह कुशवाहा के देखरेख में बन रहा कुशवाहा भवन इसके पूर्व 1952 में बनाया गया था. उसे वक्त से लेकर अभी तक उसी पुराने भवन में छात्रावास की व्यवस्था की गई थी, जहां कुशवाहा समाज के बच्चे रहकर पढ़ाई-लिखाई करते थे. लेकिन भवन काफी जर्जर हो जाने की वजह से विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही थी. ऐसे में कुशवाहा महासंघ के प्रयास से भवन के निर्माण का कार्य शुरू किया गया है.
25 बच्चों को बनाएंगे डॉक्टर, इंजीनियर, आइएएस और आइपीएस
जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह कुशवाहा ने कहा कि कुशवाहा भवन के निर्माण के बाद यहां छात्रावास की व्यवस्था होगी जहां कुशवाहा समाज के बच्चे रहकर पढ़ाई-लिखाई कर सकेंगे. प्रत्येक वर्ष 25 ऐसे बच्चों का चयन किया जाएगा जो मेधावी हो और इंटरमीडिएट के बाद अर्थाभाव में उनकी पढ़ाई छूट गई हो. उनकी पढ़ाई-लिखाई का संपूर्ण खर्च कुशवाहा महासंघ के द्वारा उठाया जाएगा. ऐसे बच्चों को सिविल सर्विसेज की तैयारी के साथ-साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए भी संसाधन मुहैया कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह भवन कुशवाहा समाज के लिए मंदिर जैसा होगा और इसके निर्माण से गांव-गांव जाकर लोगों को सहभागी बनाया जाएगा.
कार्यक्रम के दौरान पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मीना सिंह, जदयू के पूर्व जिला अध्यक्ष विंध्याचल सिंह कुशवाहा, जिला परिषद सदस्य बंटी शाही, बक्सर जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के सदस्य जदयू नेता संजय सिंह राजनेता, बक्सर नगर परिषद वार्ड पार्षद हिटलर सिंह कुशवाहा, पूर्व मुखिया मकरध्वज सिंह विद्रोही शिक्षाविद सरोज सिंह एवं निर्मल सिंह समेत जिले के विभिन्न स्थानों से आए हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान भोजपुरी गायक बृजेश सिंह और शिवानी सिंह ने अपने गीतों से लोगों को झूमने पर विवश कर दिया.
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