आरपीएफ और दिल्ली पुलिस की सतर्कता ने एक मासूम बच्ची की जिंदगी बचाई और एक गंभीर अपराध को नाकाम किया. इस ऑपरेशन में शामिल अधिकारियों की सराहना की जा रही है, जिनकी वजह से एक बड़ी घटना टल गयी.
- दिल्ली पुलिस और आरपीएफ की त्वरित कार्रवाई
- फरक्का एक्सप्रेस में किडनैपर गिरफ्तार, बच्ची सुरक्षित
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : दिल्ली से अपहृत एक 8 वर्षीय बच्ची को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बचा लिया गया. बच्ची को किडनैपर द्वारा दिल्ली से बिहार के समस्तीपुर ले जाया जा रहा था, लेकिन सतर्क सुरक्षा बलों की तत्परता ने उसकी साजिश को विफल कर दिया. यह कार्रवाई ऑपरेशन 'रेल प्रहरी' के तहत सफलतापूर्वक अंजाम दी गई.
दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि फतेहपुर बेरी थाने में पंजीकृत एक मामले में एक किडनैपर रोहित कुमार, बच्ची को लेकर गाड़ी संख्या 19313 डाउन इंदौर-पटना एक्सप्रेस में सफर कर रहा है. डीसीपी दिल्ली पुलिस, रेल उपाधीक्षक दानापुर, और आरपीएफ इंस्पेक्टर दिलदारनगर को यह जानकारी मिलने के बाद, आरपीएफ और जीआरपी की टीम तुरंत हरकत में आई. बक्सर स्टेशन से आरपीएफ और जीआरपी के जवान ट्रेन में सवार हुए और जांच शुरू की.
चकमा देने के लिए अपहरणकर्ता ने बदली ट्रेन :
लेकिन यहां एक मोड़ आया. किडनैपर और बच्ची उस ट्रेन में नहीं मिले. बाद में डीसीपी दिल्ली पुलिस से नई सूचना मिली कि किडनैपर ने ट्रेन बदल ली है और अब वह गाड़ी संख्या 03414 डाउन क्लोन फरक्का एक्सप्रेस में सफर कर रहा है.
बच्ची को बेचने की थी योजना :
सूचना मिलते ही आरपीएफ बक्सर प्रभारी निरीक्षक दीपक कुमार ने निर्देश पर आरपीएफ के जवान रघुनाथपुर स्टेशन पर क्लोन फरक्का एक्सप्रेस में चढ़ गए. थोड़ी देर में जवानों ने बच्ची और किडनैपर रोहित कुमार को ढूंढ लिया. रोहित ने अपना नाम और पता बताया, वह समस्तीपुर का रहने वाला है. रोहित ने स्वीकार किया कि वह बच्ची को बेचने की योजना बना रहा था. यह घटना दिल्ली में पहले से ही योजना के तहत अंजाम दी जा रही थी, जिसमें रोहित के कुछ साथी भी शामिल थे.
दिल्ली से हुई किडनैपिंग, बिहार में संतानहीन दंपत्ति से किया था सौदा :
दिल्ली पुलिस के अनुसार, किडनैपर रोहित कुमार ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर इस बच्ची को किडनैप किया था. वे इस बच्ची को बिहार में अपने किसी परिचित के पास बेचने की योजना बना रहे थे, जिनके कोई संतान नहीं थी. बच्ची को किडनैप करने का मकसद पैसे कमाना था, जिसके लिए वह इसे अपने साथी के रिश्तेदार को सौंपने की तैयारी में था.
टीम की शानदार भूमिका:
इस पूरे ऑपरेशन में रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी निरीक्षक दीपक कुमार के निर्देशन में आरपीएफ और जीआरपी की टीम ने बहुत ही सक्रिय और कुशलता से काम किया. इस टीम में आरपीएफ के उप निरीक्षक दिनेश चौधरी, हेड कांस्टेबल बृजेश राय, कांस्टेबल अशोक कुमार, कांस्टेबल श्याम नारायण सिंह यादव, और जीआरपी के सिपाही रंजय कुमार शामिल थे. इनकी सतर्कता और तत्परता से ही यह ऑपरेशन सफल हो पाया और बच्ची को सही समय पर बचाया जा सका.
फोटो का कराया गया मिलान, हुई पुष्टि :
बच्ची और किडनैपर को पकड़ने के बाद, दोनों की फोटो व्हाट्सएप के जरिए दिल्ली पुलिस को भेजी गई, जहां से पुष्टि होने के बाद बच्ची और आरोपी को बक्सर लाया गया. दिल्ली पुलिस की टीम के आने पर बच्ची को सुरक्षित सौंपा गया और किडनैपर को गिरफ्तार कर लिया गया.
दिल्ली पुलिस को सौंपा गया आरोपी, बच्ची का किया था ब्रेन वाश :
दिल्ली के थाना फतेहपुर बेरी में इस किडनैपिंग का मामला पहले ही दर्ज किया जा चुका था. अब आरोपी को गिरफ्तार कर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया, जहां आगे की कार्रवाई की जाएगी. बच्ची को उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की देखरेख में रखा गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अपहरणकर्ता ने बच्ची का इस तरह से ब्रेनवाश किया था की वह उसे छोड़कर अपने घर भी जाने को तैयार नहीं थी.
"काश ! बिहार पुलिस भी इतनी ही सतर्क होती" - विनोधर ओझा :
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरतचंद्र के नेता विनोधर ओझा ने कहा कि, "आरपीएफ और दिल्ली पुलिस की सतर्कता ने एक मासूम बच्ची की जिंदगी बचाई और एक गंभीर अपराध को नाकाम किया. इस ऑपरेशन में शामिल अधिकारियों की सराहना की जानी चाहिए, जिनकी वजह से एक बड़ी घटना टल गयी. काश ऐसे ही हमारी बिहार पुलिस की सतर्क रहती."
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