दाखिल-खारिज, अभियान बसेरा-2, परिमार्जन प्लस, ई-मापी, और नीलम पत्र वाद जैसे कई प्रशासनिक मामलों की समीक्षा की गई. कई अनियमितताएं सामने आने पर संबंधित अधिकारियों को स्पष्टीकरण देने और वेतन रोकने का निर्देश दिया.
- दाखिल-खारिज मामलों में देरी, साफ-सफाई में खामी, और अधूरी योजनाओं पर अधिकारियों से सवाल-जवाब
- लंबित मामलों के शीघ्र निपटान और स्वच्छता व्यवस्था पर ध्यान देने के निर्देश
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला पदाधिकारी, अंशुल अग्रवाल ने बुधवार को इटाढी अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान दाखिल-खारिज, अभियान बसेरा-2, परिमार्जन प्लस, ई-मापी, और नीलम पत्र वाद जैसे कई प्रशासनिक मामलों की समीक्षा की गई. कई अनियमितताएं सामने आने पर संबंधित अधिकारियों को स्पष्टीकरण देने और वेतन रोकने का निर्देश दिया.
जिन मामलों को लेकर जिला पदाधिकारी ने नाराजगी जताई उन में :
1. दाखिल-खारिज मामलों की देरी : 29 मामलों में दाखिल-खारिज 75 दिन से अधिक लंबित पाया गया. जिलाधिकारी ने खास तौर पर श्री श्याम बिहारी सिंह का 168 दिन लंबित मामला देखा और इस पर असंतोष व्यक्त किया.
2. अभियान बसेरा-2 की धीमी प्रगति : 1412 परिवारों के सर्वेक्षण के बावजूद केवल 64 परिवारों को पर्चे वितरित किए गए. इस पर सख्त नाराजगी जताई गई और 30 सितंबर 2024 तक सभी लंबित मामलों के निपटारे का निर्देश दिया गया.
3. परिमार्जन प्लस और ई-मापी में अनियमितता : परिमार्जन प्लस में 516 मामले लंबित थे, और ई-मापी के तहत 321 में से 200 आवेदन अस्वीकृत पाए गए. जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए.
4. नीलम पत्र वाद की सुस्ती : केवल 2 नीलम पत्र वादों का निष्पादन होने पर अंचलाधिकारी से निपटान में तेजी लाने के लिए कहा गया.
5. कार्यालय की साफ-सफाई और उपस्थिति : कार्यालय की सफाई असंतोषजनक पाई गई, जिसके लिए साफ-सफाई और कर्मचारियों की उपस्थिति पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया.
जिला पदाधिकारी ने साफ तौर पर चेताया कि कार्यालय में देरी और अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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