महिलाओं के द्वारा गंगा स्नान के बाद पूजा-अर्चना की गई और व्रत की कथा सुनी गई. इस बीच, बक्सर में हाल ही में आई बाढ़ के बाद घाटों पर गंदगी और सिल्ट जमा होने के कारण, महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. प्रशासन द्वारा सफाई की व्यवस्था अब तक नहीं की गई है, जिससे लोगों में नाराजगी है.
गोला घाट पर कथा सुनती महिलाएं |
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- संतान की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत
- बाढ़ के बाद घाटों पर सफाई की कमी से व्रतियों को हो रही परेशानी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : संतान की लंबी उम्र की कामना को लेकर जिउतिया पर्व में हजारों महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा है. बुधवार सुबह से लेकर देर शाम तक महिलाओं के द्वारा गंगा स्नान के बाद पूजा-अर्चना की गई और व्रत की कथा सुनी गई. इस बीच, बक्सर में हाल ही में आई बाढ़ के बाद घाटों पर गंदगी और सिल्ट जमा होने के कारण, महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. प्रशासन द्वारा सफाई की व्यवस्था अब तक नहीं की गई है, जिससे लोगों में नाराजगी है.
बक्सर के उत्तरायण गंगा तट पर आज सुबह से ही महिलाएं गंगा स्नान के लिए इकट्ठी हो रही थीं. जिउतिया व्रत, जिसे जीवित पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है, संतान की लंबी उम्र और उनके सुखी जीवन की कामना के लिए रखा जाता है. व्रती गायत्री देवी ने बताया कि यह व्रत पुत्र और पुत्री दोनों की मंगल कामना के लिए होता है.
इस अवसर पर गंगा आरती के मुख्य पुजारी लाला बाबा ने बताया कि हर साल इस महापर्व के दौरान बिहार के विभिन्न जिलों से हजारों महिलाएं बक्सर आती हैं. वे गंगा में डुबकी लगाकर व्रत की कथा सुनती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं.
हालांकि, इस साल गंगा नदी में आई बाढ़ के कारण स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है. बाढ़ का पानी घटने के बाद घाटों पर सिल्ट और दलदल जमा हो गए हैं, लेकिन बक्सर नगर परिषद द्वारा अब तक सफाई नहीं की गई है. इससे महिलाओं को गंगा स्नान और पूजा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
व्रत के दौरान सुबह से शुरू हुई भीड़ देर शाम तक गंगा घाट और उसके आसपास बनी रही. रेलवे स्टेशन रोड पर लगा भीषण जान दिनभर परेशानी का सबब बना रहा. व्रतियों के साथ-साथ आम लोगों, खासकर स्कूली बच्चों को भी काफी दिक्कत हुई. ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के जो दावे थे वह भी फेल होते दिखाई दिए.
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