6 जून 2006 को सोनू तिवारी के पिता लक्ष्मण तिवारी की हत्या परसागंडा के समीप ही उस वक्त कर दी गई थी जब वह अपने मार्शल गाड़ी में सवार होकर कहीं जा रहे थे. उस वक्त सोनू तिवारी ही वह गाड़ी चला रहे थे. हत्या के बाद उन्होंने अपने पिता के शव को गाड़ी से बाहर निकाला था.
- 7 अगस्त 2024 को हुई थी आजाद पासवान की हत्या
- सोनू तिवारी के पिता लक्ष्मण तिवारी की हत्या में आरोपित थे आजाद पासवान
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : पूर्व नक्सली व सुभासपा नेता आजाद पासवान की हत्या मामले में फरार आरोपी सोनू तिवारी ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम के न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया है. 18 साल पहले पतरकोना गांव निवासी सोनू तिवारी के पिता लक्ष्मण तिवारी के हत्या में पूर्व नक्सली आजाद पासवान आरोपित थे. माना जा रहा है कि इसी हत्या के प्रतिशोध में सोनू तिवारी आजाद पासवान की हत्या कर दी थी. आजाद पासवान हत्याकांड में सोनू तिवारी समेत कुल छह अभियुक्तों को नामजद आरोपी बनाया गया है. जिसमें सोनू के अतिरिक्त अन्य सभी पुलिस की पकड़ से बाहर है.
सूत्र बताते हैं कि 6 जून 2006 को सोनू तिवारी के पिता लक्ष्मण तिवारी की हत्या परसागंडा के समीप ही उस वक्त कर दी गई थी जब वह अपने मार्शल गाड़ी में सवार होकर कहीं जा रहे थे. उस वक्त सोनू तिवारी ही वह गाड़ी चला रहे थे. हत्या के बाद उन्होंने अपने पिता के शव को गाड़ी से बाहर निकाला था. इस घटना का सोनू के मस्तिष्क पर बेहद गहरा प्रभाव पड़ा था और वह काफी दिनों तक गुमसुम रहा करते थे. सूत्रों का मानना है कि लक्ष्मण तिवारी की हत्या के प्रतिशोध में 7 अगस्त 2024 को आजाद पासवान की परसागंडा गांव के समीप ही गोली मारकर हत्या कर दी गई.
कहते हैं अधिवक्ता :
आजाद पासवान की हत्या मामले में सोनू तिवारी नामजद थे. उन्होंने न्यायालय में आत्मसमर्पण करने की इच्छा जताई, जिसके बाद उन्होंने मुझे बतौर अधिवक्ता चुना. ततपश्चात उन्हें अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम के न्यायालय में आत्म समर्पण करा दिया गया.
बबन ओझा,
वरीय अधिवक्ता,
व्यवहार न्यायालय, बक्सर
वीडियो :
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