अस्पतालों पर प्रशासन का सख्त रुख, 23 निजी अस्पताल सील, संचालकों में हड़कम्प

चिकित्सकों की अनुपस्थिति और वैध दस्तावेजों का अभाव प्रमुख रहा. छापेमारी के दौरान 23 अस्पतालों को सील कर दिया गया, जिससे संचालकों में हड़कंप मच गया है. कई अस्पतालों के संचालक ताला लगाकर भाग खड़े हुए, जिनकी भी रिपोर्ट तैयार की गई है.
डुमरांव में अस्पताल सील करते अधिकारी








                                                                   





जिलेभर में अवैध अस्पतालों पर प्रशासन की कार्रवाई

बक्सर में 55 निजी अस्पतालों की हुई जांच, कई संचालकों ने लगाया ताला

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के आदेश पर सोमवार को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जिलेभर के 55 निजी अस्पतालों पर छापेमारी की. बक्सर, डुमरांव और अन्य प्रखंडों में स्थित इन अस्पतालों में कई खामियां पाई गईं, जिनमें चिकित्सकों की अनुपस्थिति और वैध दस्तावेजों का अभाव प्रमुख रहा. छापेमारी के दौरान 23 अस्पतालों को सील कर दिया गया, जिससे संचालकों में हड़कंप मच गया है. कई अस्पतालों के संचालक ताला लगाकर भाग खड़े हुए, जिनकी भी रिपोर्ट तैयार की गई है.

बक्सर में इस अभियान का नेतृत्व एसडीओ धीरेन्द्र कुमार मिश्र की टीम ने किया, जिन्होंने बाइपास रोड स्थित हाईटेक मेटरनिटी एंड हॉस्पिटल और आइटीआई मैदान के पास बीएम मेमोरियल अस्पताल को सील किया. इसी तरह, राजपुर बीडीओ सिद्धार्थ कुमार और चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने भी सीमा क्लिनिक और पलक सेवा सदन की जांच की. डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण इन अस्पतालों को भी सील किया गया.

डुमरांव और चौगाईं में भी प्रशासन ने अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की. डुमरांव के एसडीएम राकेश कुमार ने लालगंज में स्थित सत्यम सेवा सदन समेत अन्य तीन अस्पतालों को दस्तावेजों की कमी के कारण सील कर दिया. चौगाईं के बीडीओ संजू कुमारी की टीम ने भी दो अस्पतालों को ताला बंद पाया, जिन पर जल्द कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन की सख्ती जारी रहेगी :

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर 55 अस्पतालों की गहन जांच की गई, जिसमें 23 को सील किया गया है. बंद पाए गए अस्पतालों की दोबारा जांच कर भविष्य में भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.









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