तबले पर मधुर संगत देते हुए पीयूष कुमार ने राग बागेश्री की प्रस्तुति दी, इसके बाद पहाड़ी धुन ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया. गायन में दीपांशु तिवारी ने राग भूपाली और अंत में एक ठुमरी प्रस्तुत की। राघवेंद्र शर्मा ने "मैं पैगम्बर तो नहीं, खुदा जाने" ग़ज़ल गाकर समां बांध दिया.
- दिल्ली और बनारस से आए कलाकारों ने दी मनमोहक प्रस्तुति
- मॉडल थाना के समीप गोयल धर्मशाला में नाद अर्चना संगीत समारोह का आयोजन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : शास्त्रीय संगीत से सजी एक विशेष शाम, जहां वायलिन, हारमोनियम और तबले की सुरमई धुनों पर दिल्ली और बनारस से आए कलाकारों ने अपने अंदाज में शास्त्रीय गीत-संगीत की प्रस्तुति दी, श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए. मॉडल थाना के समीप स्थित गोयल धर्मशाला में आयोजित नाद अर्चना शास्त्रीय संगीत समारोह में श्रोताओं ने बेहतरीन संगीत और गायन का आनंद लिया.
कार्यक्रम की शुरुआत वायलिन वादन से हुई, जिसमें हेमंत ने अपनी कला का जलवा बिखेरा. तबले पर मधुर संगत देते हुए पीयूष कुमार ने राग बागेश्री की प्रस्तुति दी, इसके बाद पहाड़ी धुन ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया. गायन में दीपांशु तिवारी ने राग भूपाली और अंत में एक ठुमरी प्रस्तुत की। राघवेंद्र शर्मा ने "मैं पैगम्बर तो नहीं, खुदा जाने" ग़ज़ल गाकर समां बांध दिया.
समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया, जिसमें शहर के प्रतिष्ठित अतिथियों, डॉ. शशांक शेखर, सिकंदर सिंह, दिवाकर तिवारी, और अभिषेक ओझा ने भाग लिया. आयोजक मंडल ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया. मंच संचालन अनुराग मिश्रा ने मंत्रोच्चारण के साथ किया. नाद अर्चना कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक अभिनव कुमार और अन्य सदस्यों की सराहनीय भूमिका रही.
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