न्यायपूर्ण बिहार के निर्माण के लिए भाकपा-माले ने शुरु की न्याय यात्रा

इस यात्रा का नेतृत्व भाकपा-माले के केंद्रीय कमिटी सदस्य एवं जिला सचिव नवीन कुमार और डुमराँव के विधायक डॉ. अजीत कुशवाहा कर रहे हैं. यह यात्रा 16 से 25 अक्टूबर तक चलेगी, जिसका उद्देश्य बिहार में दलितों, गरीबों, महिलाओं और समाज के वंचित वर्गों की समस्याओं को उजागर करना है.












- दलितों, गरीबों और महिलाओं की समस्याओं को केंद्र में रखकर 16-25 अक्टूबर तक चलेगी यात्रा
- भाजपा पर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप, यात्रा का समापन पटना में 27 अक्टूबर को

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : भाकपा-माले द्वारा आयोजित "बदलो बिहार न्याय यात्रा" का शुभारंभ 16 अक्टूबर को बक्सर जिला मुख्यालय से हुआ. इस यात्रा का नेतृत्व भाकपा-माले के केंद्रीय कमिटी सदस्य एवं जिला सचिव नवीन कुमार और डुमराँव के विधायक डॉ. अजीत कुशवाहा कर रहे हैं. यह यात्रा 16 से 25 अक्टूबर तक चलेगी, जिसका उद्देश्य बिहार में दलितों, गरीबों, महिलाओं और समाज के वंचित वर्गों की समस्याओं को उजागर करना है.

यात्रा की शुरुआत बक्सर के अम्बेडकर चौक पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई, इसके बाद ज्योति चौक पर कॉ. ज्योति प्रकाश, बाबू वीरकुंवर सिंह, भगत सिंह और कॉ. बबन सिंह की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर यात्रा को डुमराँव के लिए रवाना किया गया. इस मौके पर डुमराँव विधायक डॉ. अजीत कुशवाहा ने कहा कि यह यात्रा न्यायपूर्ण नए बिहार के निर्माण के लिए निकाली जा रही है. उनका कहना था कि यह यात्रा दलितों, गरीबों और महिलाओं के खिलाफ हो रही सामंती हिंसा के खिलाफ है, साथ ही भूमिहीनों के लिए आवासीय जमीन और पक्का मकान जैसी मांगों को भी प्रमुखता से उठाया जा रहा है.

यात्रा के प्रमुख मुद्दे :

इस न्याय यात्रा में कुल सात प्रमुख मांगों को उठाया जा रहा है. इनमें सरकारी वादे के अनुसार सभी गरीबों को 2 लाख रुपये, 5 डिसमिल आवासीय भूमि और पक्का मकान की गारंटी, दलितों और अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को रोकने की मांग, और गरीबों के लिए सर्वे पर रोक लगाने जैसी मांगे शामिल हैं. इसके अलावा, स्मार्ट मीटर को खत्म करने, बिजली की दर आधी करने और बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत एवं मुआवजे की मांग भी उठाई गई है. स्किल वर्कर्स के लिए न्यूनतम मजदूरी और बिहार में आरक्षण वृद्धि को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग की जा रही है.

डॉ. अजीत कुशवाहा ने कहा कि यह यात्रा भाजपा के सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ भी है. उनका आरोप है कि भाजपा नेता गिरिराज सिंह की यात्रा का उद्देश्य राज्य में सांप्रदायिक उन्माद फैलाना है. उन्होंने कहा कि विकास और लोकतंत्र के लिए राज्य में शांति और सौहार्द्र बनाए रखना जरूरी है, जबकि भाजपा नेता अमन-चैन को बिगाड़ने की राजनीति कर रहे हैं.

27 अक्टूबर को पटना में समापन सम्मेलन

यात्रा का समापन 27 अक्टूबर को पटना में एक बड़े "बदलो बिहार न्याय सम्मेलन" के साथ होगा. इस दौरान विभिन्न चट्टी और बाजारों पर जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. यात्रा के दौरान पर्चे, बैनर और झंडों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, ताकि जनता तक इस यात्रा का संदेश पहुंचाया जा सके.

भाकपा-माले की इस न्याय यात्रा से यह साफ है कि पार्टी बिहार में न्याय, समानता और विकास के मुद्दों पर जनता को जागरूक करने का प्रयास कर रही है. वहीं, भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति का आरोप लगाकर पार्टी इसे बिहार के हितों के खिलाफ बता रही है.







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