बक्सर में पहली बार रावण के दस सिर और मुकुट से होगी कोल्ड फायर, धोती वाले रावण का निर्माण जारी ..

इस साल धोती पहनने वाले रावण का निर्माण कर रहे हैं, जो कि अपने आप में एक नया प्रयोग है. जितेंद्र ने बताया कि पिछले कई वर्षों से रावण के पुतले की पोशाक बदलती रही है, लेकिन इस बार की खासियत यह है कि रावण धोती में नजर आएगा. इसके अलावा, इस बार रावण की लंबाई भी पांच फीट कम होगी.










- एसी मैकेनिक जितेंद्र शर्मा ने पहली बार धोती पहनने वाले रावण का किया निर्माण 
- किला मैदान में इस बार 45 फीट के रावण और 40 फीट के मेघनाद का होगा दहन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में इस बार दशहरे की धूम कुछ खास होगी, क्योंकि पहली बार रावण दहन से पहले उसके दस सिर और मुकुट से कोल्ड फायर की जाएगी. जिले के मिश्रवलिया निवासी एसी मैकेनिक जितेंद्र शर्मा इस साल धोती पहनने वाले रावण का निर्माण कर रहे हैं, जो कि अपने आप में एक नया प्रयोग है. जितेंद्र ने बताया कि पिछले कई वर्षों से रावण के पुतले की पोशाक बदलती रही है, लेकिन इस बार की खासियत यह है कि रावण धोती में नजर आएगा. इसके अलावा, इस बार रावण की लंबाई भी पांच फीट कम होगी.

रावण के दस सिर और मुकुट से होगा कोल्ड फायर :

इस बार रावण के दस सिर और मुकुट से कोल्ड फायर करने का अनूठा प्रयोग हो रहा है, जिसे बक्सर में पहली बार देखने का मौका मिलेगा. जितेंद्र शर्मा के अनुसार, रावण के सिर और मुकुट से इलेक्ट्रिक सॉर्ट के जरिए एक मिनट तक आग के फव्वारे निकलेंगे, जिसे कोल्ड फायर कहा जाता है. यह आग मुख्यतः शादी-विवाह में दूल्हा-दुल्हन की एंट्री के दौरान प्रयोग में लाई जाती है. इसके बाद ही रावण के पुतले का दहन किया जाएगा. इस प्रक्रिया से रावण दहन और भी रोमांचक बन जाएगा. 

कम ऊंचाई का रावण और मेघनाथ :

इस बार बक्सर के किला मैदान में रावण और मेघनाथ के पुतले की ऊंचाई पिछले वर्षों के मुकाबले कम होगी. रावण की ऊंचाई 45 फीट और मेघनाथ की ऊंचाई 40 फीट रखी गई है. जितेंद्र ने बताया कि बड़ी ऊंचाई वाले पुतलों को खड़ा करने में समस्या होती है, इसलिए इस बार ऊंचाई में पांच फीट की कमी की गई है. यह निर्णय इसलिए भी लिया गया है क्योंकि पुतले को खड़ा करने के लिए क्रेन उपलब्ध नहीं होती, जिससे पुतला सही से खड़ा नहीं हो पाता है.

परिवार का सहयोग :

रावण के पुतले बनाने के काम में जितेंद्र का पूरा परिवार उनका साथ देता है. उन्होंने बताया कि वे अपने एसी सर्विस के काम से एक महीने का समय निकालकर पुतला निर्माण करते हैं. इस काम में उनके बच्चे और पत्नी भी सहयोग करते हैं. पुतले खड़ा करने के दिन जितेंद्र आठ लोगों की टीम के साथ काम करते हैं, जिन्हें एक हजार रुपये प्रति व्यक्ति का भुगतान किया जाता है.

रावण के हाथ में होगा धनुष :

इस बार का रावण पहले से थोड़ा अलग होगा, क्योंकि इस बार रावण के हाथ में तलवार की बजाय धनुष होगा. रामलीला के दृश्य में यह बदलाव रावण और राम के बीच युद्ध को और भी दिलचस्प बनाएगा. इसके साथ ही मेघनाथ का पुतला भी एक अलग किस्म का होगा. सभी पुतले दिल्ली मॉडल के आधार पर बनाए गए हैं.

निर्माण सामग्री और लागत :

जितेंद्र ने बताया कि बक्सर के पुतलों के निर्माण में 26 बांस, 2 किलो जूट के धागे, 3 किलो लोहे के तार, 15 किलो कागज और 90 मीटर कपड़े का इस्तेमाल हुआ है. रावण का सबसे बड़ा पुतला 20,000 रुपये में तैयार हुआ है, जबकि अन्य पुतले 5,000 से 8,000 रुपये की लागत में तैयार किए गए हैं. पटाखों का प्रबंध रामलीला कमेटी द्वारा किया जाएगा.




Post a Comment

0 Comments