महोत्सव का यह आयोजन न केवल क्षेत्र के पर्यटन विकास की ओर एक कदम होगा, बल्कि शाहाबाद की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास करेगा.
- बक्सर में जुटेंगे शाहाबाद के विभिन्न जिलों के दिग्गज
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : स्थानीय किला मैदान में 16 नवंबर को शाहाबाद महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें भोजपुर, रोहतास, बक्सर और कैमूर जिलों के दिग्गज एकजुट होकर शाहाबाद के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक महत्ता को एक बार फिर उजागर करेंगे. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य शाहाबाद को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करना और इसके विकास की नई संभावनाओं पर विचार करना है. महोत्सव के दौरान यहां के प्रसिद्ध व्यंजनों की प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और क्षेत्रीय महापुरुषों की चित्र प्रदर्शनी लगाई जाएगी.
शाहाबाद क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व बहुत पुराना है. संयोजक अखिलेश कुमार ने बताया कि यह क्षेत्र सतयुग से लेकर आधुनिक युग तक अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को संजोए हुए है. बक्सर, महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि, रोहतास गढ़ किला, सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र का युग, मध्यकाल में शेरशाह और स्वतंत्रता संग्राम में बाबू वीर कुंवर सिंह के बलिदान की भूमि, शाहाबाद के ऐतिहासिक गौरव का प्रमाण है. इस महोत्सव में इन सभी गौरवशाली पलों को संजोकर प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि क्षेत्र की नई पीढ़ी इस धरोहर को जान सके और इसे संजोने का प्रयास कर सके.
सांस्कृतिक धरोहरों और क्षेत्रीय व्यंजनों की प्रदर्शनी :
महोत्सव में बक्सर की पापड़ी, कोआथ की बेलग्रामी, चेनारी के गुड़ का लड्डू और बेतरी के चावल जैसे विभिन्न क्षेत्रीय व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जो यहां की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती है. इसके साथ ही महापुरुषों और प्रमुख पर्यटन स्थलों के तैल्य चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. यह प्रदर्शनी दर्शकों को शाहाबाद के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को जानने और समझने का अवसर देगी.
सम्मान समारोह का आयोजन :
शाहाबाद महोत्सव में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने की भी योजना बनाई गई है. इसमें शिक्षा क्षेत्र में योगदान के लिए 'महर्षि विश्वामित्र सम्मान', कला और संगीत में 'बिस्मिल्ला खां सम्मान', सैन्य क्षेत्र में 'शहीद ज्योति प्रकाश निराला सम्मान' और पत्रकारिता में 'स्वामी भवानी दयाल संन्यासी सम्मान' शामिल हैं. इन सम्मानों के माध्यम से क्षेत्र के युवाओं को प्रेरित किया जाएगा कि वे भी अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर शाहाबाद का नाम रोशन करें.
राजनीतिक और प्रशासनिक दिग्गजों का जुटान :
महोत्सव में कई राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तियों के शामिल होने की भी संभावना है. आयोजन समिति के अनुसार, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सिंह, काराकाट सांसद राजाराम सिंह, सासाराम सांसद मनोज कुमार, बक्सर सांसद सुधाकर सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री आर के सिंह जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने इसमें शामिल होने की सहमति दी है. इस महोत्सव में सभी दलों के नेता एकजुट होकर क्षेत्र के पर्यटन विकास पर मंथन करेंगे और इसे अमलीजामा पहनाने का संकल्प लेंगे.
पर्यटन के विकास की संभावनाओं पर चर्चा :
शाहाबाद महोत्सव का मुख्य आकर्षण इस क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श होगा. आयोजन समिति के संयोजक अखिलेश कुमार ने बताया कि इससे पहले भी विक्रमगंज, रोहतास गढ़ किला, जगदीशपुर और मुंडेश्वरी महोत्सव में सभी दलों के नेताओं ने एक साथ आकर शाहाबाद के पर्यटन के विकास के प्रयास किए हैं. इस बार भी सभी दलों के नेता एक मंच पर एकत्रित होकर क्षेत्र के पर्यटन को एक नई दिशा देने के लिए विचार करेंगे.
स्थानीय नेताओं और कलाकारों की उपस्थिति :
संवाददाता सम्मेलन में आयोजन समिति के सदस्य विमल कुमार सिंह, शशि बावला, संजय सिंह, गुड्डू राय और अभिषेक कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे. इन सभी ने इस महोत्सव को शाहाबाद के उज्जवल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया और इसे सफल बनाने की अपील की.
महोत्सव का यह आयोजन न केवल क्षेत्र के पर्यटन विकास की ओर एक कदम होगा, बल्कि शाहाबाद की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास करेगा.
इस महोत्सव के माध्यम से शाहाबाद को एक बार फिर उसकी सांस्कृतिक धरोहरों और गौरवशाली इतिहास के साथ पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा.
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