क्रोधित होकर इंद्र देव ने लगातार 7 दिनों तक मूसलधार बारिश की. इसके बाद भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर पूरे गांववासियों को शरण दी. यह घटना हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की अद्भुत लीलाओं में से एक मानी जाती है.
- रामरेखा घाट पर 56 भोग के साथ अन्नकूट मनाया गया
- भगवान कृष्ण की गोवर्धन पर्वत से जुड़ी लीला का स्मरण
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के रामरेखा घाट स्थित छोटी और बड़ी मठिया में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का आयोजन किया गया, जिसमें ठाकुर जी को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त और गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
छोटी मठिया के महंत अयोध्या नाथ जी महाराज ने बताया कि गोवर्धन पूजा का संबंध भगवान कृष्ण की उस पौराणिक लीला से है जिसमें उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर लोगों को इंद्र देव के कोप से बचाया था. उन्होंने बताया कि उस समय लोग इंद्र की पूजा किया करते थे, लेकिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन के महत्व को समझाते हुए कहा कि गोवर्धन पर्वत की पूजा करें, जो अधिक फलदायी है. इस बात से क्रोधित होकर इंद्र देव ने लगातार 7 दिनों तक मूसलधार बारिश की. इसके बाद भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर पूरे गांववासियों को शरण दी. यह घटना हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की अद्भुत लीलाओं में से एक मानी जाती है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान भगवान ने कुछ नहीं खाया था. इसलिए गांववालों ने उन्हें 56 प्रकार के भोग अर्पित किए, जिसे आज भी अन्नकूट के रूप में मनाया जाता है.
बड़ी मठिया के संचालक केदार नाथ सिंह ने बताया कि इस आयोजन में स्थानीय जनता के अलावा कई राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया.
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