दोहरी परेशानी झेल रहे हैं नगर परिषद विस्तारित क्षेत्र के निवासी

कभी भी दुर्घटनाएं हो सकती हैं और जान-माल का नुकसान भी हो सकता है. हालांकि, बार-बार लिखित और मौखिक रूप से अनुरोध करने के बावजूद बिजली कंपनी के द्वारा इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोई पहल नहीं की जाती. ऐसे में, यदि समस्या का कोई समाधान नहीं निकला, तो बिजली कंपनी के गेट पर बैठकर धरना देने की चेतावनी दी जा रही है.






                                            






- नहीं बढ़ी नागरिक सुविधा लेकिन बढ़ गया शुल्क
- बिजली के जर्जर तारों के सहारे आपूर्ति कंपनी ने नहीं गाड़े खंभे

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर परिषद के विस्तारित क्षेत्र में रहने वाले लोग इन दोनों दोहरी परेशानी झेल रहे हैं. एक तरफ जहां नगर परिषद क्षेत्र में शामिल किए जाने के बाद उन्हें कई तरह के टैक्स देने पड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनका बिजली बिल भी लगभग दो गुना हो गया है. बावजूद इसके, नागरिक सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. ऐसे में लोग स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

नगर परिषद क्षेत्र में हाल ही में शामिल हुए पांडेय पट्टी के निवासियों का यह कहना है कि नगर परिषद क्षेत्र में शामिल होने के बाद बिजली कंपनी के द्वारा बिजली का बिल बढ़कर दो गुना कर दिया गया है, लेकिन नागरिक सुविधाओं में कोई इजाफा नहीं हुआ है. आज भी इस क्षेत्र में बिजली के खंभे नहीं हैं, जिसके कारण लोग बस बल्ले पर बांधकर बिजली के तार ले जाने को विवश हैं. इस अव्यवस्थित व्यवस्था के कारण कभी भी दुर्घटनाएं हो सकती हैं और जान-माल का नुकसान भी हो सकता है. हालांकि, बार-बार लिखित और मौखिक रूप से अनुरोध करने के बावजूद बिजली कंपनी के द्वारा इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोई पहल नहीं की जाती. ऐसे में, यदि समस्या का कोई समाधान नहीं निकला, तो बिजली कंपनी के गेट पर बैठकर धरना देने की चेतावनी दी जा रही है.

स्थानीय निवासियों ने बताई व्यथा

स्थानीय निवासी अभय पांडेय बताते हैं कि एफसीआई गोदाम के बगल में बनी नई बस्ती में लोग तकरीबन 10 वर्षों से निवास कर रहे हैं, लेकिन बिजली कंपनी के द्वारा इलाके में अब तक बिजली के खंभे नहीं लगाए गए. "ऐसा लगता है कि हम शहरी इलाके में नहीं बल्कि सुदूर गांव में निवास करते हैं."

अजय पांडेय ने बताया कि विद्युत तार बस पर टांग कर ले जाने की वजह से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है. खासकर बरसात के दिनों में जल जमाव आदि हो जाने के बाद यह खतरा दोगुना हो जाता है.


सच्चिदानंद सिंह बताते हैं कि उन्होंने जब बिजली का कनेक्शन लिया तभी उन्होंने बिजली कंपनी के लोगों को इस बात की जानकारी दी थी कि बिजली का खंभा नहीं होने की वजह से दिक्कतें हैं, लेकिन उनके द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद अब तक बिजली का खंभा नहीं लगाया गया है.

इसी मोहल्ले की निवासी मुन्नी देवी बताती हैं कि पतले तारों के सहारे बिजली की आपूर्ति की जा रही है. "घर के पुरुष सदस्य कभी जब शहर से बाहर होते हैं और बिजली का तार किसी वजह से टूट जाता है तो कई दिनों तक अंधेरे में रहना मजबूरी हो जाती है. बिजली कर्मी भी इस समय कोई मदद नहीं करते."

निवासियों की चेतावनी :

स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिजली विभाग की उदासीनता के कारण उनकी परेशानियां लगातार बढ़ रही हैं. नागरिक सुविधाओं का लाभ उठाने के बजाय उन्हें समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही बिजली खंभे और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं, तो वे बिजली विभाग के गेट पर धरना देने के लिए बाध्य होंगे.

प्रशासन की जिम्मेदारी :

निवासियों का कहना है कि नगर परिषद और बिजली विभाग को मिलकर इन समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने मांग की कि क्षेत्र में जल्द से जल्द बिजली के खंभे लगाए जाएं और बिजली आपूर्ति को सुरक्षित बनाया जाए.

इस समस्या पर प्रशासन की कार्रवाई कितनी प्रभावी होगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल नागरिक खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

बिजली कंपनी के कार्यपालक अभियंता ने नहीं उठाया फोन :

हमने इस मामले में बिजली कंपनी के कार्यपालक अभियंता के सरकारी मोबाइल नंबर 7763814281 पर सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन फोन नहीं उठाने के कारण उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका.











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