जेल में हुआ खेल, कारा कर्मियों पर भारी पड़े बंदी

इस विशेष मुकाबले में कारा प्रशासन और बंदियों की टीमों ने हिस्सा लिया. खेल के दौरान दोनों पक्षों में सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहा, जो आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा. विजेता टीम के खिलाड़ियों को कारा प्रशासन की ओर से पुरस्कृत किया गया.
क्रिकेट खेल का नजारा









                                           




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  • बिहार कारा दिवस पर केंद्रीय कारा में उत्सव
  • बंदियों के बीच प्रतियोगिताओं का आयोजन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार कारा दिवस के अवसर पर बक्सर केंद्रीय कारा के अंदर बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इन आयोजनों में क्रिकेट, लूडो, शतरंज, कैरम, गायन जैसी प्रतियोगिताएं प्रमुख रहीं. कार्यक्रम का उद्देश्य बंदियों के बीच सकारात्मक सोच का विकास करना और उनके जीवन में खुशियां भरना था.

कार्यक्रम के तहत आयोजित फैंसी क्रिकेट मैच में बंदियों की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की. इस विशेष मुकाबले में कारा प्रशासन और बंदियों की टीमों ने हिस्सा लिया. खेल के दौरान दोनों पक्षों में सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहा, जो आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा. विजेता टीम के खिलाड़ियों को कारा प्रशासन की ओर से पुरस्कृत किया गया.

प्रतियोगिताओं से भरा हर्षोल्लास :

प्रतियोगिताओं के दौरान बंदियों और कारा कर्मियों के बीच उत्साह देखने लायक था. शतरंज, लूडो, कैरम और गायन प्रतियोगिताओं में भी बंदियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. गायन प्रतियोगिता में बंदियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर समां बांध दिया. अन्य खेलों में भी उनका प्रदर्शन सराहनीय रहा.

बंदियों के जीवन में सकारात्मक लाने का प्रयास - कारा अधीक्षक :

इस अवसर पर कारा अधीक्षक ज्ञानिता गौरव ने कहा, "बंदियों के जीवन में सकारात्मकता लाने और उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से इस तरह के आयोजन किए जाते हैं. आज हुई प्रतियोगिताओं में बंदियों ने जो उत्साह दिखाया, वह सराहनीय है. आयोजन के दौरान कारा कर्मियों और बंदियों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहा. यह आयोजन हमें उनके जीवन में बदलाव लाने की प्रेरणा देता है."

प्रसन्नचित्र मुद्रा में विजेता खिलाड़ी

बंदियों का मानसिक स्वास्थ्य बनेगा बेहतर बढ़ेगा आत्मविश्वास :

कारा प्रशासन का मानना है कि इस प्रकार के आयोजन बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उनमें आत्मविश्वास जगाने में सहायक होते हैं. ऐसे आयोजन न केवल बंदियों को प्रेरित करते हैं, बल्कि उनके सामाजिक पुनर्वास में भी अहम भूमिका निभाते हैं.

शिक्षा, कौशल विकास तथा खेलकूद की गतिविधियां रहेंगी जारी :

कारा अधीक्षक ने यह भी बताया कि भविष्य में बंदियों के लिए और अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इसमें शिक्षा, कौशल विकास और खेलकूद से संबंधित गतिविधियां प्रमुख होंगी. उन्होंने कहा कि समाज में उनकी पुनर्वापसी को सहज बनाने के लिए कारा प्रशासन लगातार प्रयासरत है.

इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि बंदी भी समाज का हिस्सा हैं और उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने के लिए इस तरह के प्रयास किए जाने चाहिए. कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कारा कर्मियों और बंदियों ने मिलकर काम किया, जिससे पूरे आयोजन में एक सकारात्मक ऊर्जा देखने को मिली.

बिहार कारा दिवस पर हुए इन आयोजनों ने बंदियों और कारा कर्मियों के बीच आपसी तालमेल को मजबूत करने के साथ-साथ, बंदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक शानदार प्रयास किया.








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