नैनो पार्टिकल्स पर शोध में मददगार साबित हो रही एमवी कॉलेज की केमिस्ट्री लैब

बताया कि इस लैब को और भी एडवांस बनाने की योजना बनाई जा रही है. यहां की मशीनें कोलकाता, दिल्ली और देश के अन्य प्रमुख स्थानों से मंगाई गई हैं. 









                                           



- रसायन शास्त्र के छात्रों के लिए एमवी कॉलेज में हुई अत्याधुनिक लैब की स्थापना
- केमिस्ट्री लैब को और भी एडवांस बनाने की है योजना

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय में रसायन शास्त्र के छात्रों के लिए अत्याधुनिक लैब की स्थापना की गई है. इस लैब की स्थापना राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के सहयोग से हुई है. छात्रों को इस लैब में नैनो पार्टिकल्स जैसे जटिल रासायनिक पदार्थ बनाने का अवसर मिल रहा है, जो उनके अध्ययन और शोध में सहायक साबित होगा.

महाविद्यालय के सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. भरत कुमार ने बताया कि इस लैब को और भी एडवांस बनाने की योजना बनाई जा रही है. यहां की मशीनें कोलकाता, दिल्ली और देश के अन्य प्रमुख स्थानों से मंगाई गई हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की तरफ से इस लैब के विकास के लिए 24 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया, जिससे अत्याधुनिक उपकरण और संसाधन खरीदे गए हैं. डॉ. कुमार ने कहा कि इस लैब में छात्रों को न केवल सिद्धांतों का अध्ययन करने का मौका मिलेगा, बल्कि वे उन्हें प्रायोगिक रूप से भी समझ सकेंगे, जिससे उनके ज्ञान में वृद्धि होगी.

रसायन विज्ञान के जटिल पहलुओं को समझने में सहायक : 

लैब में प्रैक्टिकल करने आई छात्रा सृष्टि राय और अन्य विद्यार्थियों ने बताया कि यह लैब रसायन विज्ञान के जटिल पहलुओं को समझने में सहायक साबित होगी. यहां उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से छात्र किताबों में पढ़ी हुई बातें प्रायोगिक तौर पर देख और समझ पा रहे हैं, जिससे उनका शैक्षिक अनुभव और भी बेहतर हो रहा है.

शिक्षकों की कमी के बावजूद गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रयास :

प्रोफेसर डॉ. भरत कुमार ने आगे कहा कि रसायन शास्त्र विभाग में शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-शिक्षक अनुपात में काफी अंतर है, लेकिन फिर भी विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इस लैब की स्थापना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने में मदद करेगा.

महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय की यह पहल न केवल छात्रों के लिए शिक्षा के स्तर को ऊंचा करेगी, बल्कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक अनुसंधान में भी योगदान देगी.









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