एनसीसी में शामिल होने के बाद उन्होंने सेना में अधिकारी बनने का सपना देखा. पढ़ाई पूरी करने के बाद रवि ने बीटेक किया और आइबीएम में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया, लेकिन बचपन का सपना उन्हें हमेशा प्रेरित करता रहा.
- चक्की प्रखंड के भोला डेरा गांव के युवा ने देशभर में बनाई पहचान
- रवि की सफलता ने स्वजनों के साथ क्षेत्रवासी भी गौरवान्वित
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के चक्की प्रखंड के भोला डेरा गांव निवासी रवि यादव ने इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बनकर जिले का नाम रोशन किया है. यह उपलब्धि उनके परिवार और पूरे गांव के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि अब तक गांव या परिवार से कोई भी सेना में अधिकारी नहीं बन सका था. रवि की सफलता ने ना केवल उनके स्वजनों को बल्कि पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित कर दिया है.
रवि यादव के पिता हरेंद्र यादव गुजरात के सूरत में प्राइवेट नौकरी करते हैं. इसी कारण उनकी प्रारंभिक शिक्षा सूरत से ही हुई. रवि बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे. 10वीं, 12वीं और कॉलेज में हमेशा अच्छे अंक प्राप्त किए. एनसीसी में शामिल होने के बाद उन्होंने सेना में अधिकारी बनने का सपना देखा. पढ़ाई पूरी करने के बाद रवि ने बीटेक किया और आइबीएम में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया, लेकिन बचपन का सपना उन्हें हमेशा प्रेरित करता रहा.
एनसीसी में शानदार प्रदर्शन :
रवि ने एनसीसी के माध्यम से कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं. 2022 में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान उन्हें गुजरात का सर्वश्रेष्ठ कैडेट चुना गया. इसके बाद अखिल भारतीय स्तर पर दिल्ली में आयोजित समारोह में उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा द्वितीय सर्वश्रेष्ठ कैडेट के रूप में सम्मानित किया गया. रवि को भारत के आठ कैडेट्स में शामिल कर यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम का हिस्सा बनने का मौका भी मिला, जहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया. उनके प्रदर्शन के लिए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने उन्हें प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया.
परिवार के लिए गर्व का क्षण :
रवि यादव की इस उपलब्धि पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है. उनकी मां रिंकू यादव ने भावुक होकर कहा कि यह उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है. उन्होंने कहा, "मेरा बेटा अब भारत माता का बेटा हो गया है. उसने वह कर दिखाया जो पूरे खानदान में किसी ने नहीं किया." रवि की बहन खुशबू यादव ने बताया कि उन्हें विश्वास था कि उनके भाई अपने लक्ष्य को जरूर हासिल करेंगे.
माता-पिता के संघर्ष को मानते हैं प्रेरणा :
रवि अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पिता हरेंद्र यादव ने जीवन में कठिनाइयों का सामना कर जो संघर्ष किया, उससे उन्हें प्रेरणा मिली. उन्होंने अपनी सफलता को अपने दादा कपिल देव यादव को भी समर्पित किया. रवि की मां और बहन का कहना है कि उनकी मेहनत और लगन ने यह सपना साकार किया.
गांव में जश्न का माहौल :
भोला डेरा गांव में रवि की इस उपलब्धि के बाद खुशी का माहौल है. ग्रामीणों का कहना है कि रवि ने सेना में अधिकारी बनकर गांव और जिले का नाम रोशन किया है. उनकी सफलता क्षेत्र के युवाओं को प्रेरित करेगी. रवि का यह सफर दर्शाता है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
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