श्रीमद्भागवत कथा में समुद्र मंथन प्रसंग पर श्रोताओं ने लिया आध्यात्मिक लाभ

बताया कि किस प्रकार भगवान विष्णु के सुझाव पर दानवों और देवताओं के बीच अमृत का समझदारी से वितरण किया गया. संगीतमय कथा के दौरान श्रोता मंत्रमुग्ध होकर प्रवचनों का आनंद ले रहे थे. कथा के अंत में भजन-कीर्तन के साथ दिन की कथा का विश्राम हुआ.










                                           


- जय माँ काली औद्योगिक क्षेत्र में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन जारी
- समुद्र मंथन प्रसंग में देवताओं और दानवों की मैत्री पर व्याख्यान

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : औद्योगिक क्षेत्र स्थित माँ काली मंदिर में 22वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन समुद्र मंथन प्रसंग पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया. कथा का शुभारंभ दोपहर 2 बजे व्यासगद्दी पूजन के साथ हुआ. आज के दिन व्यासपीठ की पूजा हिंदू युवा के प्रदेश अध्यक्ष धीरज कुमार सिंह ने की.

सुखदेव जी महाराज द्वारा सुनाई गई कथा में समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और दानवों के बीच की मैत्री और शुक्राचार्य के नेतृत्व में दानवों के सहयोग का वर्णन किया गया. कथा में बताया गया कि किस प्रकार समुद्र मंथन से अमृत सहित अनेक बहुमूल्य वस्तुएँ प्राप्त हुईं. अमृत कलश मिलने के बाद देवताओं ने दानवों के सहयोग से इसका वितरण किया.

कथावाचक हिमांशु जी महाराज (वृंदावन धाम) ने भगवान विष्णु और माँ महालक्ष्मी के मार्गदर्शन में अमृत वितरण की प्रक्रिया का विस्तृत वर्णन किया. उन्होंने बताया कि किस प्रकार भगवान विष्णु के सुझाव पर दानवों और देवताओं के बीच अमृत का समझदारी से वितरण किया गया. संगीतमय कथा के दौरान श्रोता मंत्रमुग्ध होकर प्रवचनों का आनंद ले रहे थे. कथा के अंत में भजन-कीर्तन के साथ दिन की कथा का विश्राम हुआ.

उपस्थित श्रद्धालु और गणमान्य:

आज की कथा में समिति के सभी सदस्य और अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे. इस अवसर पर चंदन सिंह, कमलराज सिंह, प्रफुल्ल दुबे, राकेश चौबे, काली चौबे, सुशील राय, चंदन पाण्डेय, रामशीष यादव, ऋषिकेश पाण्डेय, जीत बहादुर दूबे, लक्ष्मण दूबे, मुन्नू राय, इंद्रजीत पाण्डेय, मनोज राय, बिट्टू सिंह, धनजी सिंह और संतोष सिंह सहित अन्य भक्तों ने प्रवचन का लाभ लिया.

आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे कथा के आगामी दिनों में भी शामिल होकर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करें और 14 जनवरी को पूर्णाहुति व भंडारे में भाग लें.











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