फार्म भरवाने के बदले उनसे 10 रुपये लिए जा रहे थे. हालांकि, जिस योजना के तहत यह फार्म भरे जा रहे थे, उसका कोई स्पष्ट विवरण नहीं मिल सका. बाद में सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी साधु शरण पांडेय मौके पर पहुंचे और महिलाओं को वहां से हटवाया, लेकिन तब तक अंचल कार्यालय के कर्मियों ने 146 फार्म जमा कर दिए थे.
महिलाओं से फार्म भरवा रहे व्यक्ति से पूछताछ करते प्रखंड विकास पदाधिकारी |
- -अंचल कार्यालय में जमा किए गए 146 फार्म, योजना की जानकारी नहीं मिली
- प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर लोगों को हटाया
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सदर प्रखंड कार्यालय में शुक्रवार को एक अजीबोगरीब घटना घटी. जब वहां एक व्यक्ति महिलाओं को 5 डिसमिल जमीन दिलाने का दावा करते हुए उनसे फार्म भरवाने के लिए कह रहा था, वहां कई महिलाएं वहां पहुंची थीं. फार्म भरवाने के बदले उनसे 10 रुपये लिए जा रहे थे. हालांकि, जिस योजना के तहत यह फार्म भरे जा रहे थे, उसका कोई स्पष्ट विवरण नहीं मिल सका. बाद में सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी साधु शरण पांडेय मौके पर पहुंचे और महिलाओं को वहां से हटवाया, लेकिन तब तक अंचल कार्यालय के कर्मियों ने 146 फार्म जमा कर दिए थे.
घटना शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे की है. इस दौरान एक व्यक्ति, जिन्होंने खुद को जिले के अरियांव गांव का निवासी तथा जन संघर्ष मोर्चा का संयोजक सुरेंद्र प्रसाद उपाध्याय बताया, प्रखंड कार्यालय के बाहर कुछ महिलाओं से बातचीत कर रहे थे. वह इन महिलाओं को 5 डिसमिल जमीन दिलाने का वादा कर रहे थे और इसके लिए एक फार्म भरवाने की प्रक्रिया चला रहे थे. जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार ने इस योजना की घोषणा की है? तो वह अलग-अलग बातें करने लगे और अंत में यह बताया कि वह सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन दी जाए.
सुरेंद्र प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि वह इसके लिए फार्म छपवाकर महिलाओं से भरवा रहे थे ताकि सरकार तक उनकी बात पहुंच सके. जब उनसे पूछा गया कि वह रुपये क्यों ले रहे थे, तो उन्होंने पहले इनकार किया, लेकिन बाद में बताया कि गरीबों की लड़ाई लड़ने में खर्च आता है, और इसके लिए बक्सर से पटना तक संघर्ष करना पड़ता है.
व्यक्ति द्वारा भरे गए फार्मों को अंचल कार्यालय के एक कर्मी ने लिया और कुल 146 फार्म जमा कराए. हालांकि, अंचल कार्यालय के कर्मी यह बताने में असमर्थ रहे कि ये फार्म किस योजना के तहत जमा किए जा रहे थे.
मामले में अंचलाधिकारी प्रशांत शांडिल्य ने बताया कि इन आवेदनों की जांच की जा रही है, ताकि सही जानकारी सामने आ सके और इस मामले में कार्रवाई की जा सके.
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