माँ काली स्थापना वर्षगांठ : कथा व्यास ने बताया श्रीमद्भागवत का महात्म्य

कलयुग में सत्कर्मों के बिना भक्ति संभव नहीं है, और भक्ति के बिना ज्ञान व वैराग्य की प्राप्ति नहीं हो सकती. संतों के संगत का महत्व बताते हुए कहा गया कि उनके साथ थोड़े समय की संगति भी करोड़ों अपराधों को क्षमा कर सकती है.










                                           


  • -07 जनवरी से शुरू हुई संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा
  • 14 जनवरी को पूर्णाहुति व भंडारे के साथ होगा समापन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : औद्योगिक क्षेत्र स्थित काली स्थान में माँ काली की 22वीं स्थापना वर्षगांठ के अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. 07 जनवरी को संध्या 2 बजे से 6 बजे तक संगीतमय भागवत कथा का शुभारंभ हुआ. इस आयोजन में श्रद्धालु भक्त माँ काली की आराधना के साथ कथा प्रवचन का आनंद ले रहे हैं.

कथा के प्रथम दिन श्रीमद्भागवत कथा सुनने के महत्व पर प्रकाश डाला गया. यह धार्मिक आयोजन 14 जनवरी तक चलेगा, जिसमें समापन दिवस पर पूर्णाहुति और भंडारे का आयोजन किया जाएगा. आयोजन समिति ने अनुमान लगाया है कि भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति होगी.

प्रवचन और धार्मिक महत्त्व:

यह कथा सुखदेव जी महाराज के मार्गदर्शन में प्रारंभ हुई है, जिसमें जीयर स्वामी के कृपा पात्र हिमांशु जी महाराज (वृंदावन धाम) का सान्निध्य प्राप्त है. प्रवचन में बताया गया कि श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य को मुक्ति के मार्ग पर ले जाती है और जीवन में पापों का नाश करती है. कथा के श्रवण से सत्कर्मों की वृद्धि होती है, जिससे शोक और कष्टों का नाश संभव है.

प्रथम दिवस का आयोजन:

प्रथम दिवस की कथा में व्यास ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ऐश्वर्य, धन-संपदा और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है. कलयुग में सत्कर्मों के बिना भक्ति संभव नहीं है, और भक्ति के बिना ज्ञान व वैराग्य की प्राप्ति नहीं हो सकती. संतों के संगत का महत्व बताते हुए कहा गया कि उनके साथ थोड़े समय की संगति भी करोड़ों अपराधों को क्षमा कर सकती है.

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:

कथा के दौरान व्यास पीठ की पूजा वार्ड 40 के पार्षद बैजनाथ मिश्र (मुन्ना मिश्रा) ने की. इस अवसर पर अरविंद सिंह, ईश्वर दयाल, सुशील राय, चंदन सिंह, ऋषिकेश पाण्डेय, संजय यादव, राजकमल सिंह, बिट्टू सिंह, टनमन यादव, पुरुषोत्तम पाण्डेय, संतोष पाण्डेय, सुनील तिवारी, मनोज राय, चंदन पाण्डेय, बम पाण्डेय, संतोष सिंह, धनजी सिंह, रामशीष यादव, राकेश चौबे, मुन्नू राय, प्रफुल्ल दुबे, इंद्रजीत पाण्डेय, काली चौबे, पौराणिक रामजी उपाध्याय, लक्ष्मण उपाध्याय, सुमन्त तिवारी और अजीत चौबे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे.

समापन और भंडारा:

14 जनवरी को कथा की पूर्णाहुति और भंडारे का आयोजन किया जाएगा. आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे इस धार्मिक आयोजन में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करें.











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