महिला काराकर्मियों को ड्यूटी में लंबे समय तक तैनात रहना पड़ता है, जिससे उनके बच्चों की देखभाल एक बड़ी चुनौती बन जाती थी. इस पालना घर की शुरुआत से अब महिला काराकर्मी निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी कर सकेंगी, क्योंकि उनके बच्चे एक सुरक्षित और संरक्षित माहौल में रहेंगे.
- -पालना घर की स्थापना से महिला काराकर्मियों को मिलेगी राहत, बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं
- बच्चों की देखभाल और महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्रीय कारा में ‘पालना घर’ का वर्चुअल उद्घाटन किया. इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिला काराकर्मियों को उनके बच्चों की देखभाल के मामले में राहत देना है. कई बार महिला काराकर्मियों को ड्यूटी में लंबे समय तक तैनात रहना पड़ता है, जिससे उनके बच्चों की देखभाल एक बड़ी चुनौती बन जाती थी. इस पालना घर की शुरुआत से अब महिला काराकर्मी निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी कर सकेंगी, क्योंकि उनके बच्चे एक सुरक्षित और संरक्षित माहौल में रहेंगे.
यह परियोजना न केवल बच्चों के लिए एक सुरक्षित और समर्पित स्थान प्रदान करती है, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है. यहां 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जहां प्रशिक्षित स्टाफ उनकी देखभाल करेगा, उनके पोषण और मनोरंजन का पूरा ध्यान रखेगा.
मुख्य अतिथियों ने दी शुभकामनाएँ :
उद्घाटन के बाद उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, और बिहार विधान परिषद् सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी इस सामाजिक पहल की सराहना की और बालकों की भलाई के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को सराहा.
समाज कल्याण विभाग की महत्वपूर्ण पहल :
समाज कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई यह पहल न केवल बच्चों के लिए सुरक्षा और देखभाल का प्रबंध करती है, बल्कि समाज में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है. इस प्रकार की परियोजनाएँ समाज में समानता और न्याय की स्थापना में सहायक होती हैं.
कहती हैं कारा अधीक्षक :
पालना घर के खुल जाने से महिला कर कर्मियों को काफी सहूलियत होगी. वह एक सुरक्षित माहौल में अपने बच्चों को रखकर निश्चित होकर अपनी ड्यूटी कर सकेंगी.
ज्ञानिता गौरव
कारा अधीक्षक,
केंद्रीय कारा
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