राजनीतिक दलों और विभिन्न संगठनों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. जहां सत्ताधारी दल भाजपा ने इसे बिहार के विकास को गति देने वाला बजट बताया, वहीं विपक्षी दलों ने इसे मात्र आंकड़ों का खेल और जनता के साथ धोखा करार दिया.
- बिहार सरकार के वित्तीय वर्ष 2025 को बजट को लेकर लोगों ने दी अपनी राय
- बजट पर चर्चा के बहाने एक दूसरे पर साधा-निशाना
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बिहार सरकार के वित्तीय वर्ष 2025 के बजट को लेकर राजनीतिक दलों और विभिन्न संगठनों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. जहां सत्ताधारी दल भाजपा ने इसे बिहार के विकास को गति देने वाला बजट बताया, वहीं विपक्षी दलों ने इसे मात्र आंकड़ों का खेल और जनता के साथ धोखा करार दिया.
भाजपा नेताओं ने बजट को सराहा
भाजपा महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष कंचन देवी ने बजट की सराहना करते हुए कहा, "यह बजट बिहार के विकास को गति देने वाला है. शिक्षा के क्षेत्र में 60 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान कर सरकार ने युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. इसके अलावा, महिलाओं और किसानों के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाएं लाई गई हैं."
पूर्व आइआरएस व भाजपा नेता बिनोद कुमार ने इसे आत्मनिर्भर बिहार की दिशा में बड़ा कदम बताते हुए कहा, "एमएसपी पर दालों की खरीद और कोल्ड स्टोरेज की स्थापना से किसानों को राहत मिलेगी. महिलाओं के लिए पिंक बस सेवा, हॉस्टल और वाहन खरीद में सब्सिडी जैसी योजनाएं सराहनीय हैं."
भाजपा नेता एवं भारत संचार निगम लिमिटेड के सदस्य विजय मिश्रा ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, "यह बजट साबित करता है कि डबल इंजन की सरकार विकास की सोच के साथ बिहार को आगे ले जाने के लिए अग्रसर है. ऐसे में तेजस्वी यादव मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और अनर्गल बयानबाजी कर जनता को दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन आगामी चुनाव में उनकी पार्टी का सूपड़ा साफ हो जाएगा."
भाजपा नेता अमित पांडेय ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा, "बजट को हर वर्ग से सराहना मिल रही है, जो विपक्षी नेताओं को हजम नहीं हो रहा है. वे अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं, लेकिन यह बजट निश्चित रूप से बिहार के भविष्य को संवारेगा. इसमें युवा, महिला, विद्यार्थी सहित हर वर्ग का ध्यान रखा गया है, जिसके लिए जनता उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त कर रही है."
रेड क्रॉस सचिव डॉ. श्रवण कुमार तिवारी ने भी बजट को सकारात्मक बताते हुए कहा, "बजट में विकास योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है, जिससे बिहार पिछड़ा नहीं रहेगा, बल्कि अग्रणी राज्यों में शामिल होने की दिशा में अग्रसर होगा. हालांकि, बजट में गंगा के घाटों के विकास के साथ-साथ बक्सर में अहिरौली से थोड़ा नदी के पुल तक एक समानांतर सड़क बनाने की योजना होनी चाहिए थी, जिससे जाम की समस्या से निजात मिलती."
विपक्ष ने बजट को चुनावी हथकंडा बताया
कांग्रेस व्यावसायिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष दौलत चंद गुप्ता ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा, "यह सिर्फ आंकड़ों का खेल है. बिहार में बेरोजगारी बड़ी समस्या है, लेकिन रोजगार को लेकर कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया. छात्रवृत्ति राशि बढ़ाना अच्छी पहल है, लेकिन सरकारी नौकरियों में अवसर बढ़ाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया."
कांग्रेस नेता डॉ. सत्येंद्र ओझा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए घोषणाएं जरूर की गई हैं, लेकिन पहले के वादों का क्या हुआ? पिछले बजट की कई योजनाएं अभी भी अधूरी हैं. सरकार केवल चुनावी लाभ के लिए घोषणाएं कर रही है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है."
बिहार बजट 2025 को लेकर जहां भाजपा और उसके समर्थकों ने इसे प्रगतिशील और कल्याणकारी बताया, वहीं विपक्षी दलों ने इसे चुनावी घोषणा और जनता को गुमराह करने वाला करार दिया.
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