बंदरों के आतंक से परेशान नगरवासी, मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय प्रदेश सचिव ने जिलाधिकारी से की अपील

जिलाधिकारी से मिलकर एक बार फिर इस मुद्दे पर ध्यान देने और प्रभावी समाधान निकालने की मांग की. बैठक के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी द्वारा किए जा रहे अन्य प्रशासनिक कार्यों की सराहना भी की.










                                           


बंदरों के बढ़ते हमलों से महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित
वन विभाग द्वारा पहले की गई कार्रवाई के बावजूद फिर बढ़ी संख्या

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : शहर में बंदरों के बढ़ते आतंक से परेशान नागरिकों के लिए राहत की उम्मीद जगी है. मानव अधिकार एवं सामाजिक न्याय प्रदेश सचिव डॉ. दिलशाद आलम ने जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल को पत्र देकर बंदरों को वन में स्थानांतरित करने की अपील की है. उन्होंने बताया कि बंदरों की बढ़ती संख्या से लोगों का जीवन कठिन हो गया है. महिलाएं और बच्चे छतों पर जाने से डरते हैं, मरीजों की दवाएं छीनी जा रही हैं, और यहां तक कि न्यायालय आने-जाने वाले लोग भी परेशान हो रहे हैं.

डॉ. आलम ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि फल विक्रेताओं को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है, क्योंकि बंदर उनके स्टॉल पर हमला कर सामान नष्ट कर देते हैं. उन्होंने जिलाधिकारी से इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की.

वन विभाग की कार्रवाई के बावजूद फिर बढ़ी समस्या

नगर में पिछले छह महीनों में वन विभाग द्वारा एक बार बंदरों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन यह समस्या दोबारा गंभीर रूप से बढ़ गई है. बंदरों की संख्या में अचानक हुई वृद्धि से आमजन परेशान हैं.

इस स्थिति को देखते हुए डॉ. दिलशाद आलम और उनकी संस्था के सदस्यों ने जिलाधिकारी से मिलकर एक बार फिर इस मुद्दे पर ध्यान देने और प्रभावी समाधान निकालने की मांग की. बैठक के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी द्वारा किए जा रहे अन्य प्रशासनिक कार्यों की सराहना भी की.

नगरवासियों को भी उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही इस समस्या पर ध्यान देगा और वन विभाग को फिर से सक्रिय कर बंदरों को सुरक्षित रूप से जंगल में स्थानांतरित करने की योजना बनाई जाएगी.











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