कहना है कि यह जमीन पहले से ही सार्वजनिक उपयोग के लिए दान की गई है, और इसमें स्कूल के बच्चों के खेलने का मैदान, पंचकोसी मेला, और बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर जैसे धार्मिक आयोजन शामिल हैं. ग्रामीणों का तर्क है कि इस भूमि का धार्मिक महत्व है.
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ग्रामीणों से बात करते बीडीओ और सीओ |
- बीडीओ और सीओ ने किया दौरा, ग्रामीणों ने किया विरोध
- धार्मिक और सार्वजनिक उपयोग भूमि पर निर्माण को लेकर बढ़ी तनातनी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पंचायत सरकार भवन के निर्माण को लेकर सदर बीडीओ और सीओ ने छोटका नुआंव गांव का दौरा किया, लेकिन यह दौरा विवादों में घिर गया. ग्रामीणों का कहना है कि जिस भूमि पर पंचायत सरकार भवन बनाने की बात हो रही है वह भूमि विद्यालय के खेल मैदान और धार्मिक आयोजनों के लिए उपयोग की जाती रही है. ऐसे में इस भूमि पर पंचायत भवन का निर्माण करना उचित नहीं है. ग्रामीणों ने सरकारी कार्य में पारदर्शिता की मांग की और बीडीओ और सीओ से दस्तावेज़ दिखाने का अनुरोध किया.
गांववासियों का कहना है कि यह जमीन पहले से ही सार्वजनिक उपयोग के लिए दान की गई है, और इसमें स्कूल के बच्चों के खेलने का मैदान, पंचकोसी मेला, और बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर जैसे धार्मिक आयोजन शामिल हैं. ग्रामीणों का तर्क है कि इस भूमि का धार्मिक महत्व है, और इसे पंचायत भवन के निर्माण के लिए उपयोग में लाना न केवल उनके धार्मिक आस्थाओं का उल्लंघन करेगा, बल्कि गांव के लिए भी यह एक बड़ा नुकसान होगा.
बीडीओ और सीओ से मांगा एनओसी :
ग्रामीण बिमल राय का कहना है बीडीओ और सीओ ने निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, और इस दौरान गांववासियों ने उनसे कानूनी दस्तावेज़ और अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दिखाने की मांग की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्माण कार्य विधिक रूप से सही है. हालांकि, दोनों अधिकारियों ने दस्तावेज़ दिखाने से इनकार कर दिया.
ग्रामीणों का कहना है कि जब कोई सरकारी कार्य हो रहा हो, तो उन्हें इसकी जानकारी प्राप्त करने और दस्तावेज़ की जांच का पूरा हक है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई नियमों की अवहेलना नहीं कर रहा है.
इस मामले में अंचलाधिकारी प्रशांत शांडिल्य ने बताया कि ग्रामीणों ने बताया कि यह जमीन पहले किसी के द्वारा विद्यालय को दान में दी गई थी ऐसे में यहां पंचायत सरकार भवन नहीं बनना चाहिए. हालांकि उन्होंने अभी स्पष्ट किया कि पंचायत सरकार भवन बनने के बावजूद इतनी जगह होगी जिस बच्चे खेल मैदान के रूप में उपयोग में ला सकेंगे. उन्होंने कहा कि मंगलवार को ग्रामीणों को कागजात लेकर कार्यालय में बुलाया गया है.
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