वीडियो : ब्रांडिंग की कीमत : शाहरुख खान, आदित्य बिरला और बायजू पर 45 लाख का केस, बक्सर उपभोक्ता आयोग ने जारी किया नोटिस

आरोप है कि नामांकन के बाद पाठ्यक्रम संतोषजनक न लगने पर उन्होंने नामांकन रद्द कर भुगतान की गई राशि वापस करने का अनुरोध किया. लेकिन न तो पैसा लौटाया गया और न ही प्रक्रिया रद्द की गई. उल्टे, उनके खाते से एक ईएमआई के रूप में 7425 रुपए भी काट लिए गए. 










                                           





- ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप, ठठेरी बाजार निवासी ने की शिकायत

- किंग खान पर विज्ञापन से उपभोक्ता गुमराह करने का आरोप, नई उपभोक्ता संरक्षण नीति के तहत कार्रवाई

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर धोखाधड़ी और आर्थिक नुकसान का आरोप लगाते हुए बक्सर जिला उपभोक्ता आयोग में चर्चित अभिनेता शाहरुख खान, आदित्य बिरला फाइनेंस और बायजू शिक्षण संस्थान के खिलाफ 45 लाख 17 हजार 425 रुपए के हर्जाने की मांग को लेकर परिवाद दायर किया गया है. यह मामला डुमरांव के ठठेरी बाजार निवासी मनोज कुमार सिंह द्वारा दर्ज कराया गया है, जिसकी सुनवाई मंगलवार को उपभोक्ता आयोग में हुई. सुनवाई के बाद आयोग ने सभी विपक्षियों को नोटिस जारी किया है.

परिवादी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी पुत्री श्रेयशी सिंह का नामांकन ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बायजू में कराया था. इसके तहत उन्हें 10 हजार रुपए डाउन पेमेंट करना था, जबकि शेष राशि का भुगतान आदित्य बिरला फाइनेंस के माध्यम से किस्तों में होना था. कंपनी की शर्तों के अनुसार यदि पढ़ाई पसंद न आए तो डाउन पेमेंट की राशि वापस की जानी थी.

मनोज कुमार का आरोप है कि नामांकन के बाद पाठ्यक्रम संतोषजनक न लगने पर उन्होंने नामांकन रद्द कर भुगतान की गई राशि वापस करने का अनुरोध किया. लेकिन न तो पैसा लौटाया गया और न ही प्रक्रिया रद्द की गई. उल्टे, उनके खाते से एक ईएमआई के रूप में 7425 रुपए भी काट लिए गए. बार-बार निवेदन के बावजूद भी बायजू और आदित्य बिरला फाइनेंस ने पैसे नहीं लौटाए, जिससे उनका सिविल स्कोर भी प्रभावित हुआ.

इस मामले में विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि बायजू के ब्रांड एंबेसडर के रूप में अभिनेता शाहरुख खान प्रचार करते रहे हैं. उपभोक्ता ने दावा किया है कि शाहरुख की विश्वसनीयता के कारण ही उन्होंने बायजू पर भरोसा किया, लेकिन बाद में उन्हें ठगा गया. नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुसार, किसी भी सेवा या उत्पाद के ब्रांड एंबेसडर को भी जवाबदेह माना जा सकता है यदि उनके प्रचार से उपभोक्ता गुमराह होते हैं.

अब आयोग द्वारा जारी नोटिस के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि शाहरुख खान सहित अन्य विपक्षी इस आरोपों का किस तरह जवाब देते हैं. मामला न केवल शिक्षा संस्थानों की जवाबदेही बल्कि ब्रांड एंबेसडरों की भूमिका को लेकर भी महत्वपूर्ण मिसाल बन सकता है.










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