प्रेम और बलिदान के प्रतीक पर्व ‘खजूर इतवार’ पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

जुलूस की शुरुआत चर्च की परिक्रमा से हुई, जिसके बाद एक विशेष आराधना सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान बक्सर चर्च के कई सदस्य कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने प्रार्थना कर प्रभु यीशु के बलिदान को याद किया.









                                           



- चर्च की परिक्रमा के बाद हुई विशेष आराधना सभा
- पादरी ने बताया खजूर इतवार मनाने का कारण

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  नगर के पीपरपांती रोड स्थित मेथोडिस्ट चर्च से रविवार को खजूर इतवार के अवसर पर विशेष जुलूस निकाला गया। यह आयोजन चर्च के पादरी एलआर तिमोथी की अगुवाई में संपन्न हुआ. जुलूस की शुरुआत चर्च की परिक्रमा से हुई, जिसके बाद एक विशेष आराधना सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान बक्सर चर्च के कई सदस्य कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने प्रार्थना कर प्रभु यीशु के बलिदान को याद किया.

खजूर इतवार के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए चर्च के पादरी ने बताया कि यह ईसाई समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है. उन्होंने कहा, "प्रभु यीशु जब यरूशलम पहुंचे थे, तो लोगों ने उनका स्वागत खजूर की डालियों से किया था. उसी ऐतिहासिक घटना की स्मृति में हर वर्ष ईस्टर से ठीक एक सप्ताह पहले 'खजूर इतवार' मनाया जाता है. यह दिन इस बात का प्रतीक है कि प्रभु यीशु ने मानवता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी."

पादरी ने आगे बताया कि यह पर्व ईस्टर सप्ताह की शुरुआत का प्रतीक भी है, जिसमें प्रभु यीशु के बलिदान और पुनरुत्थान की कथा को याद किया जाता है. इस दिन चर्च में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं, जुलूस निकाला जाता है और बाइबिल के पाठ के माध्यम से लोगों को आत्मिक शिक्षा दी जाती है.

इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने धार्मिक गीतों का सामूहिक गायन भी किया और प्रभु की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया.











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