वीडियो : महिला संवाद : "आत्मसम्मान, अधिकार और अवसरों की आवाज बनें महिलाएं” – जिलाधिकारी

कार्यक्रम में उन महिलाओं को भी बुलाया जा रहा है जिन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपने जीवन को बदला है. वे अपने अनुभव साझा करेंगी ताकि अन्य महिलाएं भी प्रेरित हों और आगे बढ़ें. 








                                           


  • शेरपुर से बदलाव की नई शुरुआत, गांव-गांव गूंजेगी बेटियों और बहनों की बात
  • जागरूकता वाहन, वीडियो फिल्म और खुला मंच: बक्सर में महिलाओं को मिल रहा है नया मंच

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : "महिलाएं सिर्फ सुनें नहीं, अब बोलें भी—आत्मसम्मान से, अधिकार के साथ और अवसरों की पूरी समझ के साथ.” यह शब्द जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने शेरपुर पंचायत में ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहे. दीप प्रज्वलन के साथ जैसे ही कार्यक्रम की शुरुआत हुई, वहां मौजूद सैकड़ों महिलाओं के चेहरों पर उम्मीद की रौशनी दिखाई देने लगी.

बक्सर जिले के प्राथमिक विद्यालय शेरपुर में आयोजित यह कार्यक्रम केवल एक बैठक नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को उनकी बात कहने, समझने और बदलने का हक दिलाने की एक बड़ी पहल है. जिलाधिकारी ने मंच से घोषणा की कि यह ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम जिले के सभी 925 ग्राम संगठनों तक पहुंचेगा. पहले चरण में 7 प्रखंडों—राजपुर, ब्रह्मपुर, चौसा, डुमरांव, सिमरी, नावानगर और बक्सर सदर में इसका आयोजन होगा.

महिला संवाद : गांव की हर आवाज़ को मिलेगा मंच

कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि महिलाओं को नीति निर्माण में भागीदारी देना है. वे अपने गांव और टोले की समस्याएं खुद चिन्हित करेंगी, उनके हल सुझाएंगी और योजनाओं को अपने हिसाब से दिशा देंगी. इस संवाद से प्राप्त सुझावों को राज्य सरकार तक पहुंचाया जाएगा ताकि योजनाएं जमीनी जरूरतों के अनुसार बनें.

बदलाव की कहानियां भी साझा करेंगी महिलाएं

कार्यक्रम में उन महिलाओं को भी बुलाया जा रहा है जिन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपने जीवन को बदला है. वे अपने अनुभव साझा करेंगी ताकि अन्य महिलाएं भी प्रेरित हों और आगे बढ़ें. इसके अतिरिक्त सभी महिलाओं से योजनाओं पर राय भी ली जाएगी ताकि समाज और परिवार दोनों स्तरों पर सकारात्मक बदलाव लाया जा सके.

तकनीक भी बनेगी साथी

कार्यक्रम की खूबी यह है कि इसमें तकनीक का शानदार उपयोग किया गया है. खासतौर पर तैयार जागरूकता वाहन हर पंचायत में जाएंगे, जिनमें लगे विशाल स्क्रीन पर सरकारी योजनाओं से जुड़ी वीडियो फिल्में दिखाई जाएंगी. इस माध्यम से महिलाओं को दृश्य रूप में योजनाओं की जानकारी दी जाएगी, जिससे समझ और रुचि दोनों बढ़ेगी.

आरक्षण और योजनाएं बनीं सशक्तिकरण की नींव

जिलाधिकारी ने बताया कि महिला सशक्तिकरण को लेकर राज्य सरकार की कई योजनाएं पहले से ही सक्रिय हैं. जीविका परियोजना (2006), पूर्ण शराबबंदी (2016), सतत जीविकोपार्जन योजना (2018), मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना (2021) जैसी योजनाएं महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं. इसके साथ ही शिक्षकों, नगर निकायों, पंचायतों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण ने महिलाओं को नेतृत्व का अधिकार भी दिया है.

हर महिला की मदद को तैयार है नियंत्रण कक्ष

कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं. किसी भी जानकारी, सुझाव या सहायता के लिए महिलाएं जिला स्तर पर 06183-223333 पर संपर्क कर सकती हैं.

अंत में जिलाधिकारी ने कहा—

“यह संवाद महिलाओं की चुप्पी तोड़ने और उन्हें आगे लाने का सबसे सशक्त प्रयास है. बक्सर की महिलाएं अब केवल सहभागी नहीं, निर्णायक भी बनेंगी.”

बक्सर जिले की धरती पर जब गांव की महिलाओं की आवाज़ नीतियों का हिस्सा बनेगी, तब असली सशक्तिकरण होगा—और यह शुरुआत हो चुकी है, शेरपुर से.

वीडियो : 













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