यह प्रस्तुति न केवल दर्शनीय थी, बल्कि बच्चों की समझ और अभिव्यक्ति की क्षमता को भी दर्शाती थी. कक्षा 7वीं से 10वीं के छात्रों ने संविधान के महत्व और समानता के अधिकार पर समूह में जागरूकता संदेश भी दिया, जिसने कार्यक्रम को और भी उद्देश्यपूर्ण बना दिया.
- फाउंडेशन स्कूल में अंबेडकर जयंती पर छात्र-छात्राओं ने दी संविधान और सामाजिक न्याय पर प्रस्तुति
- संविधान निर्माण, पूना समझौता और संसद मॉडल को किया मंचित
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : फाउंडेशन स्कूल, बक्सर में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर भव्य आयोजन किया गया. इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा संविधान निर्माण, सामाजिक न्याय और समानता जैसे विषयों पर प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ दी गईं. कार्यक्रम में विद्यालय परिवार के साथ-साथ शहर की कई प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने बच्चों के प्रदर्शन की सराहना की.
कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता और डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई. इसके बाद विद्यालय के संस्थापक प्रदीप मिश्रा, निदेशिका मोनिका दत्त, मेंटर डॉ. राजेश्वर सर, चेयरपर्सन कमरून निशा, साबित खिदमत फाउंडेशन से रोहतासवी सर और वार्ड पार्षद बबन सिंह ने छात्रों को अंबेडकर के विचारों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया.
छात्रों द्वारा प्रस्तुत नाट्य रूपांतरण में डॉ. अंबेडकर के जीवन की प्रमुख घटनाओं को मंचित किया गया. विशेष रूप से 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि में पंडित जवाहरलाल नेहरू के ऐतिहासिक भाषण की प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया. इसी प्रकार, 24 सितंबर 1932 को पूना पैक्ट पर आधारित एक्ट प्ले में डॉ. अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते को जीवंत किया गया.
इसके अतिरिक्त छात्रों ने संसद भवन का मॉडल बनाकर उसमें मौलिक अधिकार, कर्तव्य, सामाजिक और आर्थिक न्याय जैसे संवैधानिक मूल्यों पर संवाद प्रस्तुत किए. यह प्रस्तुति न केवल दर्शनीय थी, बल्कि बच्चों की समझ और अभिव्यक्ति की क्षमता को भी दर्शाती थी. कक्षा 7वीं से 10वीं के छात्रों ने संविधान के महत्व और समानता के अधिकार पर समूह में जागरूकता संदेश भी दिया, जिसने कार्यक्रम को और भी उद्देश्यपूर्ण बना दिया.
विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों को डॉ. अंबेडकर के जीवन, उनके संघर्ष और उनके विचारों से परिचित कराना था, ताकि वे सामाजिक समरसता, शिक्षा और समानता के मूल्यों को आत्मसात कर सकें. कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए 'जय भीम, जय संविधान' के नारों ने पूरे माहौल को देशभक्ति और गर्व से भर दिया.
इस अवसर पर अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर ने जिस सामाजिक समता और न्याय की परिकल्पना की थी, उसे धरातल पर लाने की जिम्मेदारी आज की युवा पीढ़ी पर है. उन्होंने विद्यालय प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों में राष्ट्रभक्ति और जिम्मेदारी की भावना जागृत करते हैं.
कार्यक्रम का संचालन शिक्षक गणेश कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय की शिक्षिका वंदना सिंह ने किया. अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह और पौधे भेंट कर सम्मानित किया गया. फाउंडेशन स्कूल परिवार द्वारा किए गए इस आयोजन ने न केवल डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि उनके विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य भी सफलतापूर्वक किया.
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