शुरुआत संयंत्र परिसर से हुई और यह बनारपुर गांव की गलियों, मुख्य सड़कों और बाजार क्षेत्र से होता हुआ पुनः संयंत्र परिसर में समाप्त हुआ. मार्च के दौरान सीआईएसएफ और पुलिस बल के जवानों ने अनुशासित ढंग से पूरे क्षेत्र में भ्रमण किया, जिससे गांववासियों के बीच सुरक्षा को लेकर विश्वास का वातावरण बना.
- बनारपुर में फ्लैग मार्च से ग्रामीणों में बढ़ी सुरक्षा को लेकर जागरूकता
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और जिला पुलिस की संयुक्त पहल
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के बनारपुर गांव में मंगलवार की संध्या एक विशेष फ्लैग मार्च का आयोजन किया गया, जिसमें केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों के साथ जिला पुलिस बल के सदस्य शामिल हुए. इस फ्लैग मार्च का नेतृत्व सीआईएसएफ के सहायक कमांडेंट मनोज सुथार एवं निरीक्षक अजय कुमार ने किया. इसका उद्देश्य स्थानीय ताप विद्युत संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करना और ग्रामीणों को सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाना था.
फ्लैग मार्च की शुरुआत संयंत्र परिसर से हुई और यह बनारपुर गांव की गलियों, मुख्य सड़कों और बाजार क्षेत्र से होता हुआ पुनः संयंत्र परिसर में समाप्त हुआ. मार्च के दौरान सीआईएसएफ और पुलिस बल के जवानों ने अनुशासित ढंग से पूरे क्षेत्र में भ्रमण किया, जिससे गांववासियों के बीच सुरक्षा को लेकर विश्वास का वातावरण बना.
फ्लैग मार्च के दौरान सुरक्षा बलों ने ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया. अधिकारियों ने उन्हें संयंत्र की सुरक्षा से संबंधित आवश्यक जानकारी दी और आग्रह किया कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या संयंत्र प्रशासन को दें, ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें.
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि संयंत्र की सुरक्षा राष्ट्रीय हित से जुड़ी है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी. अवांछनीय गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और हर संदिग्ध स्थिति की गंभीरता से जांच की जाएगी. बल की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि कानून व्यवस्था को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
फ्लैग मार्च के दौरान ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों के इस प्रयास की सराहना की. गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने जवानों का स्वागत किया और उनकी भूमिका की प्रशंसा की. ग्रामीणों ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से उन्हें न केवल सुरक्षा का भरोसा मिलता है, बल्कि वे भी संयंत्र और प्रशासन के साथ मिलकर क्षेत्र की सुरक्षा में सहभागी बनते हैं.
फ्लैग मार्च के माध्यम से संयंत्र और आसपास के गांवों के बीच समन्वय और सहयोग का माहौल बना. इससे न केवल सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ी बल्कि सामाजिक स्तर पर भी एकजुटता का संदेश गया. संयंत्र की सुरक्षा में ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक प्रभावी पहल मानी जा रही है.
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