इन शिविरों का उद्देश्य दिव्यांग बच्चों की पहचान कर उन्हें प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना और विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ना है. सभी प्रखंडों में निर्धारित रोस्टर के अनुसार शिविर आयोजित किए जाएंगे.
दिव्यांग बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की तैयारी
शिविरों के सफल आयोजन हेतु पदाधिकारियों को दिए गए विशेष निर्देश
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय, बिहार, पटना के निर्देश पर बक्सर जिले में 5 मई 2025 से 15 मई 2025 तक दिव्यांगता प्रमाणीकरण हेतु विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा. इन शिविरों का उद्देश्य दिव्यांग बच्चों की पहचान कर उन्हें प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना और विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ना है. सभी प्रखंडों में निर्धारित रोस्टर के अनुसार शिविर आयोजित किए जाएंगे.
जिला प्रशासन द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, 5 मई को इटाढ़ी और बक्सर प्रखंड, 7 मई को चौसा और राजपुर प्रखंड, 8 मई को ब्रह्मपुर और चौगाई प्रखंड, 9 मई को सिमरी और चक्की प्रखंड, 10 मई को डुमरांव प्रखंड और 13 मई को नावानगर तथा केसठ प्रखंड परिसर में शिविर लगाए जाएंगे.
शिविरों के सफल आयोजन हेतु विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं. सिविल सर्जन-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (UDID) निर्गत करने हेतु पर्याप्त चिकित्सकों एवं कर्मियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करें. साथ ही, सभी प्रखंडों में कैंपों के आयोजन हेतु रोस्टर निर्धारण और जिला स्तर पर मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाएगा, जहां प्रखंड स्तरीय कैंपों से रेफर किए गए बच्चों का परीक्षण होगा.
शिविरों के संचालन के लिए जिला स्तर पर सहायक निदेशक, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. वे जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पंचायती राज पदाधिकारी, जन सूचना पदाधिकारी एवं जिला कल्याण विभाग के सहयोग से कार्य करेंगे. रेफर किए गए बच्चों को जिला स्तर पर गठित मेडिकल बोर्ड तक पहुँचाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहेगी.
प्रखंड स्तर पर प्रभारी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को संयुक्त रूप से नोडल पदाधिकारी नियुक्त करते हुए निदेश दिया गया है कि आंगनबाड़ी सेविका, आशा वर्कर, पारा लीगल वालंटियर तथा जनप्रतिनिधियों के सहयोग से दिव्यांग बच्चों को शिविर तक पहुँचाने का कार्य किया जाए. इसका अनुश्रवण जिला शिक्षा पदाधिकारी व्यक्तिगत अभिरुचि से करेंगे.
प्रत्येक प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने स्तर से कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करेंगे तथा समन्वय बैठक आयोजित कर कार्यक्रम का समुचित निरीक्षण करेंगे. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिविरों में उपस्थित सभी दिव्यांग बच्चों से संबंधित आंकड़ों का संग्रह कर जिला शिक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे, जो बाद में सहायक निदेशक को भेजे जाएंगे.
शिविरों का अधिकतम प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने हेतु सभी विद्यालयों एवं उनके पोषक क्षेत्रों में प्रचार अभियान चलाया जाएगा. साथ ही, जिला प्रबंधक बुनियाद केन्द्र को पर्याप्त कर्मियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
जिला जन संपर्क पदाधिकारी बक्सर ने बताया कि इन शिविरों के माध्यम से दिव्यांग बच्चों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे उनका सामाजिक सशक्तिकरण और विकास सुनिश्चित हो सके.
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