भरौली गोलंबर के समीप गंगा तट और नदी के बीचोंबीच 180 फीट गहरी मिट्टी की खुदाई कर सैंपल लिए जा रहे हैं. इन सैंपलों की जांच दिल्ली में कराई जाएगी ताकि पुल निर्माण के लिए मिट्टी की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके. सब कुछ तय समय पर रहा तो जुलाई से पुल निर्माण कार्य भी गति पकड़ लेगा.
- -भरौली-बक्सर के बीच बनेगा 3 लेन का एलिवेटेड रोड पुल
- जुलाई से तेज रफ्तार में दौड़ने लगेगी निर्माण प्रक्रिया
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच कनेक्टिविटी को नई उड़ान देने की दिशा में बक्सर एक और बड़ी उपलब्धि की ओर बढ़ चला है. गंगा नदी पर भरौली-बक्सर के बीच प्रस्तावित तीसरे पुल के निर्माण की प्रक्रिया आखिरकार जमीन पर उतरने लगी है. भरौली गोलंबर के समीप गंगा तट और नदी के बीचोंबीच 180 फीट गहरी मिट्टी की खुदाई कर सैंपल लिए जा रहे हैं. इन सैंपलों की जांच दिल्ली में कराई जाएगी ताकि पुल निर्माण के लिए मिट्टी की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके. सब कुछ तय समय पर रहा तो जुलाई से पुल निर्माण कार्य भी गति पकड़ लेगा.
तीन लेन का यह भव्य एलिवेटेड रोड पुल 3.3 किलोमीटर लंबा होगा. इसके निर्माण का जिम्मा एएससी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है, जिसने 368 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना को पूरा करने का जिम्मा उठाया है. इस पुल का निर्माण पहले से मौजूद वीर कुंवर सिंह सेतु के ठीक दक्षिण में होगा, जिससे पुराने पुल पर यातायात का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा.
नई डिजाइन की सबसे बड़ी खासियत भरौली छोर पर बनने वाला 'ए ग्रेड रोटरी' होगा, जो जमीन से ऊंचाई पर बनेगा. ठीक उसी तरह जैसे पटना के आर ब्लॉक या जीपीओ गोलंबर पर रोटरी दिखती है. इस ऊपरी गोलंबर के जरिये गाजीपुर, बलिया और करीमुद्दीनपुर से आने वाले वाहन एलिवेटेड रोड पर पहले ही चढ़ जाएंगे और बिना रुके सीधे गंगा पुल को पार कर बक्सर की ओर बढ़ सकेंगे. इससे भरौली गोलंबर पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी और आसपास के ग्रामीण इलाकों को भी राहत मिलेगी.
दिलचस्प बात यह है कि इस निर्माण के बाद यूपी छोर का पूरा संपर्क मार्ग भी एलिवेटेड हो जाएगा. मौजूदा जमीनी संपर्क मार्ग की उपयोगिता खत्म हो जाएगी और नई तकनीक पर आधारित यातायात प्रणाली विकसित होगी. इस तीसरे पुल का संपर्क मार्ग भी पुराने पुल के संपर्क मार्ग के ठीक ऊपर से गुजरेगा, जिससे यातायात का बहाव और अधिक सुगम होगा.
भरौली गोलंबर पर मिट्टी खुदाई कार्य में जुटे सुपरवाइजर संजय कुमार ने बताया कि मिट्टी परीक्षण के लिए लगभग 40 से 45 पिलरों के सैंपल लिए जा रहे हैं. कुल 20 कर्मचारियों की टीम दिन-रात इस कार्य को अंजाम दे रही है. प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार ने जानकारी दी कि 28 फरवरी को टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब परीक्षण कार्य भी प्रारंभ हो गया है. दिल्ली से मिट्टी जांच की रिपोर्ट मिलते ही पुल के डिजाइन को अंतिम रूप दिया जाएगा और फिर जुलाई में निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत होगी.
यह तीसरा पुल न केवल बक्सर और भरौली को जोड़ेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास को भी नई दिशा देगा. वर्षों से चली आ रही कनेक्टिविटी की समस्या का समाधान अब दूर नहीं है.
साभार : अमर उजाला
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