खाना पकने के बाद उसे गर्म ही स्टील के कंटेनरों में सील करके ले जाया जाता है. विद्यालय में पहुंचने पर प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक मिलकर उसे चखते हैं, फिर चखने की पुष्टि रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके करते हैं.
- मनोज कुमार ने कहा– वाष्प से पकता है खाना, छिपकली मिलने की आशंका ही नहीं
- प्रधानाध्यापक पर लगाया फलों की अधिक डिमांड और पैसों की मांग का आरोप
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : हरिकिशुनपुर मध्य विद्यालय में मिड डे मील में छिपकली मिलने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है. भोजन उपलब्ध कराने वाली संस्था ‘उज्ज्वल सवेरा समिति’ के किचन मैनेजर मनोज कुमार ने इस पूरी घटना को एक सोची-समझी साजिश बताया है.
उन्होंने कहा कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक लगातार उनसे फलों की संख्या से अधिक वितरण और पैसों की मांग कर रहे थे. जब उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो यह साजिश रची गई और भोजन में जानबूझकर छिपकली दिखा दी गई.
मनोज कुमार ने बताया कि भोजन पूरी प्रक्रिया के तहत स्वच्छता और सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए तैयार किया जाता है. रसोई में पहले सभी सब्जियां धोकर काटी जाती हैं, फिर तयशुदा मीनू के अनुसार भोजन पकाया जाता है. खाना पकने के बाद उसे गर्म ही स्टील के कंटेनरों में सील करके ले जाया जाता है. विद्यालय में पहुंचने पर प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक मिलकर उसे चखते हैं, फिर चखने की पुष्टि रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके करते हैं.
उन्होंने दावा किया कि जिस भोजन में छिपकली दिखाने की बात कही जा रही है, उसमें इस तरह की गड़बड़ी संभव ही नहीं है क्योंकि भोजन पूरी तरह से ढका और सील किया जाता है.
मनोज कुमार ने यह भी कहा कि जिन बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, उनमें से कई बच्चों ने खुद कहा कि उन्होंने भोजन किया ही नहीं था. इसके बावजूद सभी को सामूहिक रूप से अस्पताल भेज दिया गया, जिससे स्पष्ट है कि यह संस्था को बदनाम करने की कोशिश है.
इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के निर्देश पर प्रधानाध्यापक और संस्था दोनों से 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा गया है.
फिलहाल जांच जारी है और दोषियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है. शिक्षा विभाग भी इस घटना को लेकर गंभीर है और जल्द ही पूरे मामले में सच्चाई सामने आने की उम्मीद है.
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