हाल ही में अकालूपुर की इसी जर्जर पुलिया पर एक दर्दनाक हादसा हुआ था, जिसमें डुमरी स्थित डीके मेमोरियल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य की स्कॉर्पियो वाहन सहित पुलिया से नीचे गिर जाने के कारण मृत्यु हो गई थी. उनके साथ वाहन में सवार अन्य तीन प्रोफेसर भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. प्रोफेसर भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
![]() |
इंजीनियर से बात करते विधायक (इनसेट में बीते दिनों हुई दुर्घटना की तस्वीर) |
- क्षेत्रीय जनता की वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी, 13.50 किलोमीटर सड़क का होगा निर्माण
- दुर्घटनाओं के बाद तेज़ी से शुरु हुआ निर्माण कार्य, हाल ही गयी थी प्राचार्य की जान
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : डुमरांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अकालूपुर गांव में वर्षों से जर्जर अवस्था में पड़ी पुलिया के नवनिर्माण का कार्य अब तेजी से शुरू हो गया है. ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा यहां डायवर्सन मार्ग का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है ताकि मुख्य पुल के निर्माण के दौरान स्थानीय लोगों को आवागमन में असुविधा न हो. डायवर्सन निर्माण की शुरुआत डुमरांव विधायक डॉ. अजीत कुमार सिंह की उपस्थिति में हुई.
विधायक ने बताया कि यह पुलिया लगभग 15 वर्षों से खतरनाक स्थिति में थी और इस पर आवाजाही करना किसी जानलेवा जोखिम से कम नहीं था./स्कूली बच्चों, राहगीरों, बुजुर्गों और वाहन चालकों के लिए यह पुलिया हमेशा एक बड़ी समस्या रही. उन्होंने कहा कि जनता की बार-बार की मांग और उनके द्वारा लगातार सरकार व विभाग से संपर्क बनाए रखने के बाद अब जाकर इस परियोजना को स्वीकृति मिल पाई है.
ढकाइच से कोरानसराय तक बनेगी सड़क
इस परियोजना के तहत ढकाइच से अनुमंडल अस्पताल होते हुए कोरानसराय पुल तक कुल 13.50 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण होना है, जिस पर अनुमानित 12 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस योजना में अकालूपुर और अनुमंडल अस्पताल के पास नहर पर दो नए पुलों का निर्माण भी शामिल है. विधायक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण हो और तय समय-सीमा में पूरा किया जाए. साथ ही उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे निर्माण कार्य में सहयोग करें और अस्थायी डायवर्सन मार्ग का संयमपूर्वक उपयोग करें.
हाल ही में हुई दुर्घटना में गई थी प्राचार्य की जान
गौरतलब है कि हाल ही में अकालूपुर की इसी जर्जर पुलिया पर एक दर्दनाक हादसा हुआ था, जिसमें डुमरी स्थित डीके मेमोरियल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य की स्कॉर्पियो वाहन सहित पुलिया से नीचे गिर जाने के कारण मृत्यु हो गई थी. उनके साथ वाहन में सवार अन्य तीन प्रोफेसर भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. यह हादसा क्षेत्र में व्याप्त पुलिया की खतरनाक स्थिति की पुष्टि करता है, जिससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं.
इस घटना के बाद क्षेत्रीय स्तर पर आक्रोश व्याप्त हो गया और स्थानीय लोगों की ओर से सरकार व प्रशासन पर दबाव बना, जिसके बाद पुल निर्माण प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई. यह घटना प्रशासन के लिए चेतावनी साबित हुई, और उसी का परिणाम है कि अब पुल के नवनिर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है.
नव निर्माण से जुड़े विकास की उम्मीद
डुमरांव विधायक ने भरोसा दिलाया कि यह पुल क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. भविष्य में इस मार्ग पर सुगम और सुरक्षित यातायात सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापारिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा.
0 Comments