उन्होंने नेहरु जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि वह एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन स्वतंत्रता संग्राम, लोकतंत्र की स्थापना, धर्मनिरपेक्षता और संविधान के निर्माण में समर्पित किया.

- कांग्रेस नेताओं ने किया नेहरू के योगदान को याद
- कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ मनोज पांडे ने की, कई नेताओं ने की शिरकत
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : देश के प्रथम प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू की 61वीं पुण्यतिथि के अवसर पर बक्सर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कांग्रेस कमेटी के निलंबित अध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय ने की. उन्होंने नेहरू जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि वह एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन स्वतंत्रता संग्राम, लोकतंत्र की स्थापना, धर्मनिरपेक्षता और संविधान के निर्माण में समर्पित किया.
डॉ पांडेय ने बताया कि पंडित नेहरू आजादी की लड़ाई में नौ बार जेल गए और लगभग नौ वर्षों तक जेल में जीवन व्यतीत किया. उनके जीवन के ये संघर्ष हमें आज भी प्रेरणा देते हैं. उन्होंने कहा कि नेहरू जी के मूल्य और विचार आज भी मार्गदर्शन करते हैं और देश को आगे बढ़ाने में सहायक हैं.
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉ प्रमोद ओझा ने कहा कि नेहरू जी ने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे. वह विश्व के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे और वैश्विक मंचों पर उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था. उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को नेहरू जी के विचारों से अवगत कराना आवश्यक है.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रो. पी.के. मिश्रा ने कहा कि नेहरू जी का योगदान केवल राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' जैसी ऐतिहासिक रचना के माध्यम से देश और दुनिया को नई दृष्टि दी. उन्होंने कहा कि हमें गांव-गांव जाकर नेहरू जी के विचारों का प्रचार करना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके.
कार्यक्रम में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे. सभी ने पंडित नेहरू के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में त्रिलोकी नाथ मिश्रा, संजय कुमार दुबे, पप्पू दुबे, निर्मला देवी, इंजीनियर राम प्रसाद द्विवेदी, गुप्तेश्वर चौबे, महेंद्र चौबे, बब्बन तुरहा, अजय यादव, कुमकुम देवी और रूनी देवी शामिल थे.
इस अवसर पर वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि पंडित नेहरू के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हम सबका कर्तव्य है. उनके सिद्धांत और योगदान भारत के लोकतंत्र और विकास की नींव हैं, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
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