वीडियो : खबर का असर : आदित्य विज़न ने समाजसेवी की शिकायत पर मानी गलती, वॉटर प्यूरीफायर की समस्या दूर ..

लोगों से अपील की है कि किसी भी कंपनी से सेवा लेने से पहले उसके नियम और शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ें. उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने लिखित शिकायत नहीं दी होती और मामला सार्वजनिक नहीं होता तो शायद समाधान नहीं मिलता.









                                           





- समाजसेवी डॉ. हनुमान प्रसाद अग्रवाल ने जताई राहत, कंपनी ने माफी मांगकर किया समाधान
- लोगों से की अपील– सेवा लेने से पहले पढ़ें शर्तें, शिकायत हमेशा लिखित रूप में करें

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : इलेक्ट्रॉनिक शोरूम आदित्य विज़न की ‘आदित्य सुरक्षा’ योजना को लेकर समाजसेवी डॉ. हनुमान प्रसाद अग्रवाल द्वारा लगाए गए आरोपों पर खबर प्रकाशित होने के बाद कंपनी ने तुरंत कार्रवाई की है. कंपनी ने समाजसेवी से संपर्क कर न केवल माफी मांगी बल्कि उनके एलजी वॉटर प्यूरीफायर की तकनीकी खराबी को भी दुरुस्त कर दिया है.

डॉ. अग्रवाल ने पहले आरोप लगाया था कि कंपनी 4500 रुपये लेकर तीन साल की सुरक्षा योजना देती है लेकिन जब उत्पाद में खराबी आती है तो अच्छे पार्ट्स निकालकर खराब सामान लगा दिया जाता है और फिर ग्राहक से पैसा भी लिया जाता है. उन्होंने यह भी कहा था कि उनके पास पूरे सबूत मौजूद हैं और वे उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराएंगे.

मामले में खबर प्रकाशित होते ही कंपनी की ओर से त्वरित पहल की गई. आदित्य विज़न के स्थानीय प्रतिनिधियों ने समाजसेवी से संपर्क किया और उन्हें हुई असुविधा के लिए माफी मांगी. इसके बाद तकनीकी टीम भेजकर एलजी वॉटर प्यूरीफायर की खराबी को सही किया गया.

समाधान मिलने के बाद डॉ. अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि किसी भी कंपनी से सेवा लेने से पहले उसके नियम और शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ें. उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने लिखित शिकायत नहीं दी होती और मामला सार्वजनिक नहीं होता तो शायद समाधान नहीं मिलता.

उन्होंने उपभोक्ताओं को सलाह दी कि वे भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी के लिए शिकायत मौखिक रूप में न करें, बल्कि लिखित रूप में ही दर्ज कराएं ताकि कंपनियों को जवाबदेह बनाया जा सके.

इस पूरे मामले से स्पष्ट हो गया है कि जब उपभोक्ता सजग रहते हैं और अपनी बात मजबूती से सामने रखते हैं, तो कंपनियों को जिम्मेदारी निभानी ही पड़ती है. मीडिया, जागरूकता और दस्तावेजी कार्रवाई के जरिए उपभोक्ताओं को न्याय मिल सकता है.
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