प्रधानमंत्री कार्यालय से राजकुमार चौबे को आया फोन, बक्सर को धार्मिक राजधानी बनाने की मांग पर हुई पहल ..

बताया कि उन्हें पीएमओ से फोन आया. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका पत्र प्रधानमंत्री तक पहुंचा है और उस पर एक्शन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. इस प्रतिक्रिया पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि अब बक्सर का गौरव निश्चित रूप से लौटेगा.










                                           




– विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने उठाई थी 10 सूत्री मांग
– पीएमओ ने बताया. पत्र पर कार्रवाई शुरू. चौबे ने जताया आभार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय (PMO) से बक्सर जिले के सामाजिक कार्यकर्ता और विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे को फोन आने के बाद जिले में उत्साह का माहौल है. चौबे ने बक्सर को बिहार की धार्मिक राजधानी घोषित करने सहित कुल 10 सूत्री मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है.

राजकुमार चौबे ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें पीएमओ से फोन आया. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका पत्र प्रधानमंत्री तक पहुंचा है और उस पर एक्शन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. इस प्रतिक्रिया पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि अब बक्सर का गौरव निश्चित रूप से लौटेगा.

विश्वामित्र सेना द्वारा भेजे गए पत्र में जो 10 सूत्री मांगें शामिल थीं. उनमें प्रमुख हैं – बक्सर को धार्मिक राजधानी का दर्जा देना. ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर का आधुनिकीकरण. रामरेखा घाट का विकास. ब्रह्मर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि के रूप में पहचान दिलाना. गंगा किनारे घाटों की सफाई और सौंदर्यीकरण. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बक्सर को धर्मपर्यटन का केंद्र बनाना. हर वर्ष 'विश्वामित्र महोत्सव' का आयोजन करवाना. धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिए विशेष निधि देना. और स्थानीय संतों व पुजारियों को मानदेय देना.

चौबे ने कहा कि बक्सर सिर्फ एक ऐतिहासिक नगर नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की धरोहर है. यह वह भूमि है जहां भगवान राम और ब्रह्मर्षि विश्वामित्र की कथा जीवित है. यहां धार्मिक आस्था के साथ पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं.

पीएमओ से आए फोन कॉल के बाद बक्सर के लोगों में उत्साह देखा जा रहा है. धार्मिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसे जिले के लिए सम्मान की बात बताया है. अब सभी को उम्मीद है कि केंद्र सरकार की ओर से जल्द कोई बड़ा कदम उठाया जाएगा जिससे बक्सर को उसकी सांस्कृतिक पहचान और गरिमा फिर से मिलेगी.










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