कहा कि उनके मुवक्किल पहले ही जांच में सहयोग की बात कह चुके हैं. इसके बावजूद पुलिस उन्हें रिमांड पर लेना चाहती है, जो अनुचित है.
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जानकारी देते अधिवक्ता अनिल कुमार ठाकुर (बीच में) |
- अधिवक्ता ने कहा. रिमांड पर लेने का कोई ठोस आधार नहीं
- मनोज, संतोष और बटेश्वर को भी रिमांड पर लेने की तैयारी में पुलिस
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : अहियापुर हत्याकांड में नामजद आरोपी महेंद्र सिंह को रिमांड पर लेने की पुलिस की कोशिश पर अधिवक्ता ने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए पूछताछ करने वाले अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा मांगा है. अधिवक्ता का कहना है कि बिना ठोस कारण बताए पुलिस रिमांड मांग रही है, जो उचित नहीं है.
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के समक्ष पुलिस ने आवेदन देकर कहा कि महेंद्र सिंह से पूछताछ जरूरी है ताकि हत्याकांड की कड़ियों को जोड़ा जा सके. लेकिन आरोपी के अधिवक्ता अनिल कुमार ठाकुर ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल पहले ही जांच में सहयोग की बात कह चुके हैं. इसके बावजूद पुलिस उन्हें रिमांड पर लेना चाहती है, जो अनुचित है.
अधिवक्ता ने कोर्ट से मांग की कि यदि रिमांड मंजूर किया जाता है, तो पूछताछ करने वाले सभी अधिकारियों का नाम, पदनाम, मूल वेतन, पिछले पांच वर्षों की घोषित संपत्ति और देनदारी की जानकारी दी जाए. साथ ही यह भी बताया जाए कि ये विवरण लोकपाल या लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किए गए हैं या नहीं. अधिवक्ता का तर्क है कि इस जानकारी से पूछताछ की निष्पक्षता सुनिश्चित हो सकेगी.
सीजेएम ने आवेदन पर विचार करते हुए उचित आदेश जारी करने की बात कही है.
इस बीच, बक्सर एसपी शुभम आर्य ने बताया कि इस हत्याकांड के अन्य तीन आरोपी – संतोष, मनोज और बटेश्वर – ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. पुलिस अब इन तीनों को भी रिमांड पर लेने की प्रक्रिया में जुटी है ताकि पूरे घटनाक्रम की गहराई से जांच हो सके.
एसपी ने यह भी कहा कि सभी आरोपियों के पास मौजूद लाइसेंसी हथियारों की समीक्षा की जा रही है. इन हथियारों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश जिलाधिकारी को भेज दी गई है. जल्द ही लाइसेंस निरस्त किए जाने की संभावना है.
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