कहा कि बक्सर केवल बिहार नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र है. रामायण से जुड़े जितने स्थल बक्सर में हैं, वे इसे विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने कहा कि रामायण सर्किट को गति देने और पौराणिक स्थलों के संरक्षण के लिए संगठित प्रयास जरूरी हैं.
- अयोध्या से बक्सर तक की पदयात्रा में गूंजा राम नाम. धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
- सिद्धाश्रम में हुआ समापन. वर्षा पाण्डेय ने कहा – बक्सर है रामायण का जीवंत केंद्र
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : त्रेतायुगीन पावन स्थलों की स्मृति को जीवंत करती “रघुभूमि से तपोभूमि तक” वार्षिक आध्यात्मिक यात्रा इस वर्ष भी श्रद्धा और परंपरा के साथ संपन्न हो गई. यह यात्रा अयोध्या से प्रारंभ होकर बक्सर के सिद्धाश्रम में समाप्त हुई, जहाँ राम, लक्ष्मण और महर्षि विश्वामित्र ने धार्मिक साधना की थी. इस आयोजन का उद्देश्य बक्सर को रामायण सर्किट में विशेष पहचान दिलाना है.
यात्रा का स्वागत बक्सर पहुंचने पर गोलंबर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में हुआ, जहाँ भगवान राम, लक्ष्मण और विश्वामित्र की प्रतीकात्मक आरती की गई. इसके बाद यात्रा रामरेखा घाट होते हुए रामचबूतरा, चरित्रवन, संगमेश्वर नाथ (गंगा-ठोरा संगम), वामन अवतार स्थल और विश्राम कुण्ड तक पहुँची. समापन बसांव मठिया में हुआ, जहाँ पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने आशीर्वचन दिए.
इस आयोजन का नेतृत्व समाजसेवी व भाजपा नेत्री वर्षा पाण्डेय ने किया. उन्होंने कहा कि बक्सर केवल बिहार नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र है. रामायण से जुड़े जितने स्थल बक्सर में हैं, वे इसे विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने कहा कि रामायण सर्किट को गति देने और पौराणिक स्थलों के संरक्षण के लिए संगठित प्रयास जरूरी हैं.
यात्रा में विश्व हिन्दू परिषद के अरविन्द सिंह, जगदीश चंद्र पाण्डेय, ईश्वर दयाल, राजेन्द्र पाण्डेय, टिंकू सिंह, विकास मिश्रा, निलय उपाध्याय, श्यामला पाठक, रीना राय, शोभा चौबे, नीलम सहाय, अर्चना वर्मा, माधुरी और सीमा सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया.
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