कहा कि विश्वामित्र सेना का उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष की सेवा नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा है. उन्होंने कहा कि यह अभियान गांव-गांव तक पहुंचेगा और हर घर से एक सनातनी रक्षक जोड़ा जाएगा.
- हिंदूवादी संगठनों से जुड़े युवाओं ने जताया विश्वास, सदस्यता अभियान बना जनआंदोलन
- राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे बोले – हर गांव से जोड़ेंगे सनातन रक्षक, यही है मिशन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : विश्वामित्र सेना के सदस्यता अभियान ने बक्सर में नया मोड़ ले लिया है. रविवार को आयोजित सदस्यता बैठक में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने संगठन से जुड़कर सनातन धर्म और राष्ट्र की सेवा का संकल्प लिया. संगठन के राष्ट्रवादी विचारों और वैदिक परंपरा के उत्थान के संकल्प ने युवाओं को खासा प्रभावित किया है.
इस अभियान में बक्सर सहित आसपास के क्षेत्रों से आए कई हिंदू संगठनों से जुड़े युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और संगठन के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने कहा कि विश्वामित्र सेना का उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष की सेवा नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा है. उन्होंने कहा कि यह अभियान गांव-गांव तक पहुंचेगा और हर घर से एक सनातनी रक्षक जोड़ा जाएगा.
राजकुमार चौबे ने आगे कहा कि बक्सर की वैदिक परंपरा को पुनः जागृत करना और युवाओं को अपनी सांस्कृतिक पहचान से जोड़ना ही हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संगठन का हर सदस्य धर्म रक्षा के लिए समर्पित रहेगा. यह कोई राजनीतिक या प्रदर्शनकारी मुहिम नहीं, बल्कि आत्मा और आस्था से जुड़ी सामाजिक चेतना है.
इस अवसर पर आयोजित बैठक में कई समाजसेवियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने सदस्यता ग्रहण की. इनमें प्रमुख रूप से राहुल पांडे, मनीष मिश्र, बिरजू प्रसाद, कन्हैया कुंवर, गणेश कुमार, चितरंजन कुमार, विद्यापति पांडेय, शिवांश पांडेय, तुलसी निषाद, दीवान यादव, सुमित कुमार, रंजन कुमार साह, रजनीश मिश्र और ज्योति प्रकाश पांडेय शामिल रहे.
विश्वामित्र सेना का यह सदस्यता अभियान अब जनआंदोलन का रूप लेता दिख रहा है और यह संकेत दे रहा है कि सनातन मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए समाज अब एकजुट हो रहा है.
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