वीडियो : पूर्व IPS आनंद मिश्रा ने बढ़ते अपराध को बताया राजनीतिक साजिश, महागठबंधन की ओर किया इशारा ..

कहा कि बिहार में जिस तरह हाल के दिनों में निर्मम हत्याएं हो रही हैं, उसने हर जागरूक नागरिक को सोचने पर मजबूर कर दिया है. जब एनडीए लगातार यह चेतावनी देता रहा है कि यदि इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो जंगलराज की वापसी हो सकती है, तो ऐसे में यह घटनाएं कहीं उस डर को झूठा साबित करने की कोशिश तो नहीं?










                                           




कहा – बिहार को चाहिए सुरक्षा, न कि सत्ता की हवस में डूबी साजिशें

बोले - चुनावी वर्ष में अराजकता फैलाना चाहती हैं कुछ शक्तियां 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार में लगातार बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा ने बड़ा बयान जारी किया है. उन्होंने इन घटनाओं को एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश करार देते हुए महागठबंधन की ओर इशारा किया है. उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में इस तरह की हत्याएं और हिंसक घटनाएं यह संकेत देती हैं कि कुछ ताकतें जनता में भय और अराजकता फैलाकर सत्ता हासिल करना चाहती हैं.

आनंद मिश्रा ने कहा कि बिहार में जिस तरह हाल के दिनों में निर्मम हत्याएं हो रही हैं, उसने हर जागरूक नागरिक को सोचने पर मजबूर कर दिया है. जब एनडीए लगातार यह चेतावनी देता रहा है कि यदि इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो जंगलराज की वापसी हो सकती है, तो ऐसे में यह घटनाएं कहीं उस डर को झूठा साबित करने की कोशिश तो नहीं? उन्होंने कहा कि यह सवाल बेहद गंभीर है कि क्या कोई राजनीतिक दल सत्ता पाने की लालसा में जानबूझकर समाज में डर और असुरक्षा का माहौल बना रहा है?

उन्होंने विपक्षी दलों पर इशारों में आरोप लगाते हुए कहा कि वही ताकतें अब सरकार पर गुंडाराज का आरोप लगा रही हैं और अपराध की इन घटनाओं को उसके पक्ष में एक प्रमाण के रूप में पेश कर रही हैं. उन्होंने इसे एक खतरनाक साजिश और लोकतंत्र के लिए घातक प्रवृत्ति बताया.

पूर्व IPS अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि वास्तव में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त अपराधियों के जरिए ये घटनाएं करवाई जा रही हैं, तो यह न केवल निंदनीय है, बल्कि भयावह भी है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन को इन घटनाओं को भीतरी खतरे के रूप में देखना चाहिए और तत्काल सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

आनंद मिश्रा ने कहा कि अब जरूरत है पूर्व-रोकथाम आधारित पुलिसिंग की, जहां खुफिया जानकारी के आधार पर संभावित अपराधों को पहले ही रोक दिया जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि बिहार को राजनीतिक भाड़े के गुर्गों का अखाड़ा नहीं बनने दिया जा सकता.

अपने बयान के अंत में उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को शांति, सुरक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन चाहिए, न कि डर और अस्थिरता. लोकतंत्र में सत्ता सेवा के माध्यम से मिलती है, भय और हिंसा के जरिए नहीं. उन्होंने सरकार से मांग की कि अपराधियों पर सख्त कार्रवाई हो, पारदर्शी जांच हो और जनता को भरोसेमंद जानकारी दी जाए. बिहार की स्थिरता और सुरक्षा केवल प्रदेश का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता का विषय है. अब निर्णय और कार्रवाई का समय है.

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