कहा कि भारतीय संस्कृति में छप्पन भोग जैसी पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन मौजूद हैं. फिर भी लोग विदेशी फास्ट फूड की ओर भाग रहे हैं, जो चिंताजनक है. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने खानपान की आदतें बदलें और स्वदेशी व्यंजनों को अपनाएं.
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कार्यक्रम में मौजूद लोग |
फ्यूचर मेकर सेंटर में जंक फूड की हानियों पर हुई परिचर्चा
शशि भूषण मिश्र बोले – "पिज़्ज़ा-बर्गर नहीं, सलाद और सादा भोजन खाएं"
बक्सर. ‘जंक फूड डे’ के अवसर पर सोमवार को स्टेशन रोड स्थित फ्यूचर मेकर सेंटर में "संदर्भ" मंच के बैनर तले एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान पिज़्ज़ा, बर्गर, पास्ता जैसे तले-भुने विदेशी खाद्य पदार्थों से होने वाले दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई और लोगों से अपील की गई कि वे स्वाद के चक्कर में स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न करें.
मुख्य वक्ता शशि भूषण मिश्र ने कहा कि जंक फूड अब एक चलन बन चुका है, जो विदेशी संस्कृति से आयातित है. उन्होंने कहा कि "पिज़्ज़ा, बर्गर, पास्ता बंद करो यह नाश्ता", क्योंकि यह सब हमारे शरीर को अंदर से बीमार बना रहा है. उन्होंने कहा कि आज लोग स्वाद के चक्कर में पाचन, लीवर, मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों का शिकार होते जा रहे हैं.
वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में छप्पन भोग जैसी पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन मौजूद हैं. फिर भी लोग विदेशी फास्ट फूड की ओर भाग रहे हैं, जो चिंताजनक है. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने खानपान की आदतें बदलें और स्वदेशी व्यंजनों को अपनाएं.
चिकित्सक डॉ. शशांक शेखर ने कहा कि बच्चों को जंक फूड और मोबाइल से दूर रखना होगा. आज की पीढ़ी इन दोनों कारणों से शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होती जा रही है. उन्होंने बच्चों को अपने करियर के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी.
गुड्डू कुमार ने कहा कि जंक फूड के बजाय सलाद जैसे प्राकृतिक और ताजे भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए. इससे शरीर को पोषण मिलेगा और अनावश्यक कैलोरी से भी बचा जा सकेगा. भरत प्रसाद ने कहा कि अमेरिका में जंक फूड सामान्य हो सकता है, लेकिन भारत के लिए यह एक विष है, जिससे कई रोग जन्म ले रहे हैं.
राम प्रताप चौबे ने स्पष्ट कहा कि जंक फूड किसी भी दृष्टिकोण से लाभकारी नहीं है. इसके सेवन से केवल नुकसान ही होता है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्वाद की बजाय स्वास्थ्य को महत्व दें.
कार्यक्रम में राजेश, कमलेश, शिवा, रिंकी, शिवानी समेत कई प्रतिभागी उपस्थित थे. सभी ने एकमत होकर यह संकल्प लिया कि वे अब से जंक फूड से दूरी बनाकर स्वस्थ जीवनशैली अपनाएंगे. कार्यक्रम का समापन स्वास्थ्य जागरूकता की शपथ के साथ हुआ.
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