"या हुसैन..." की सदाओं से गूंज उठा बक्सर, हिंदू दरवाजे पर रखा गया ताजिया बना मिसाल ..

इस दौरान मुस्लिम और हिंदू युवकों ने मिलकर बनैठी का करतब दिखाया, जिसने सांप्रदायिक सौहार्द की जीवंत मिसाल पेश की.










                                           



- शहरभर में निकले ताजिया जुलूसों ने बांधा समां, ढोल-ताशे और करतबों ने किया लोगों को मंत्रमुग्ध
- इटाढ़ी में हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी परंपरा कायम, मनभरन पाठक के दरवाजे पर रखा गया ताजिया

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : इमाम हुसैन की शहादत की याद में शनिवार की रात और रविवार की शाम बक्सर जिले में मोहर्रम बेहद श्रद्धा, शांति और शोक के साथ मनाया गया. शहर के विभिन्न मुहल्लों और अखाड़ों से आकर्षक ताजिया जुलूस निकाले गए, जिनमें “या हुसैन”, “या अली” की गूंज के साथ बच्चे, युवा और बुजुर्ग पूरे उत्साह से शामिल हुए. ढोल-ताशों की थाप और परंपरागत बनैठी कौशल का प्रदर्शन लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा. इस दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी के पोस्टर लेकर भी युवा देशभक्ति की मिसाल कायम करते दिखाई दिए.
मोहर्रम के इस अवसर पर पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद रही. मुख्य चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती रही, जिससे शांति बनी रही. प्रशासन ने भी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी और किसी भी अप्रिय घटना की आशंका से पहले ही कमर कस ली गई थी. बक्सर में भी एसडीपीओ धीरज कुमार स्वयं नगर में भ्रमणशील रहे. रेडक्रॉस के सचिव डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी भी व्यवस्थाओं का जायजा लेते दिखे. 

सबसे खास दृश्य इटाढ़ी गांव में देखने को मिला, जहां वर्षों से एक अनोखी परंपरा चली आ रही है. यहां लतीफ अंसारी का मुस्लिम परिवार हर वर्ष ताजिया बनाता है, जिसे नगर भ्रमण के बाद हिंदू परिवार मनभरन पाठक के दरवाजे पर लाकर रखा जाता है. इस दौरान मुस्लिम और हिंदू युवकों ने मिलकर बनैठी का करतब दिखाया, जिसने सांप्रदायिक सौहार्द की जीवंत मिसाल पेश की.

मनभरन पाठक ने बताया कि यह परंपरा वर्षों पुरानी है, और हर साल उनके दरवाजे पर ताजिया रखने के साथ मुस्लिम परिवारों को सम्मानित किया जाता है. मौके पर श्याम बिहारी पाठक, कीर्तन पाठक, कमल पाठक, आलम लतीफ अंसारी, श्वेता पाठक, जितेन्द्र पाठक, राहुल पाठक सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे.

इस साल का मोहर्रम बक्सर में एक ओर श्रद्धा और परंपरा की छाया में रहा, तो दूसरी ओर भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द का नया संदेश देकर गया.



















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